के० एस० टी०,अयोध्या संवाददाता।राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम अभी कुछ दिन और टल सकता है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की ओर से इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र का जवाब अब तक नहीं मिला है। अगर भूमि पूजन का कार्यक्रम 5 अगस्त तक नहीं होता है तो.
अक्तूबर तक इसे टाला जाएगा और फिर नवरात्र में भूमि पूजन के साथ ही राममंदिर निर्माण शुरू हो सकता है। अभी तक भूमि पूजन न होने से राममंदिर के तकनीकी निर्माण में देरी हो रही है। ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा, कि हमने जो पत्र प्रधानमंत्री जी को लिखा था, अभी तक हमें उसका जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा श्रावण मास में भूमि पूजन किया जा सकता है।
लेकिन ये अवधि निकलने के बाद भूमि पूजन फिर अक्तूूबर के आसपास ही किया जा सकेगा। महंत नृत्य गोपाल दास ने 2 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अतिशीघ्र अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण का कार्य शुरू करने का अनुरोध किया था। विहिप के एक पदाधिकारी ने बताया कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते फिलहाल राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के होने की संभावना नहीं लगती है।
सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने के चलते ज्यादा मजदूरों से भी काम नहीं लिया जा सकता है। इसलिए ‘भूमि भूजन’ को अक्तूबर तक बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद भी फिर नवरात्र में ही भूमि पूजन करने की संभावना है। हालांकि कोरोना संकट के चलते प्रधानमंत्री का कार्यक्रम फाइनल नहीं हो पा रहा है। दूसरी परेशानी मानसून की भी है।
लेकिन इसके पहले कार्यशाला में रखे पत्थरों को चमकाने, उसकी मंदिर परिसर में शिफ्टिंग, बड़ी मशीनों व पत्थरों को ले जाने वाली सड़क मार्ग को मजबूत बनाने, आदि के काम भी पूरे करने होंगे। भूमि पूजन के पहले बाकी के इन कामों पर निर्माण चलता रहेगा।
निर्माण समिति के अध्यक्ष तय करेंगे विस्तार का प्लान राम मंदिर के स्वरूप से लेकर परिसर के विस्तार का प्लान ट्रस्ट के निर्माण समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र तय करेंगे। उन्हें अब तक का फीडबैक महासचिव चंपत राय ने भेज दिया है। उनकी ओर से दो सौ संतों से मिलकर बैठक करके विहिप के मॉडल पर ही एकराय की बात कही गई है,
जबकि ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास से मिलने वाले संत व हिंदू संगठन राममंदिर की ऊंचाई आदि बढ़ाने के प्रस्ताव पर उनके समर्थन का दावा करते हैं। अब 18 जुलाई को अयोध्या में बैठक के लिए तैयारी तेज हो गई है। बैठक मानस भवन या विवि के आईईटी कैंपस स्थित गेंदालाल दीक्षित अतिथि गृह में होगी, यही पर पहले राममंदिर-बाबरी विवाद पर सुलह-समझौता के लिए सुप्रीम कोर्ट से तय कमेटी सुनवाई कर चुकी है।
इसे हवाई पट्टी के नजदीक व सुरक्षा के लिहाज से सबसे बेहतर माना जा रहा है। बैठक के लिए बाहरी सभी ट्रस्टी 16 जुलाई से ही अयोध्या पहुंचेंगे। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। अब तक कितना निर्माण हुआ, तकनीकि मुद्दे, ले-आउट और पूर्व में हो चुकी तैयारियों का वे जायजा लेंगे और इसे अंतिम रूप देंगे।
नृपेंद्र मिश्रा सहित ट्रस्ट के अन्य सदस्य अयोध्या में स्थिति का जायजा लेने के लिए 16 जुलाई से अयोध्या में रहेंगे। इस दौरान वे साधु और संतों के साथ बातचीत भी कर सकते हैं।
पहले फाइनल होगी ऑर्किटेक्ट डिजाइन ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक आर्किटेक्ट डिजाइन फाइनल होने के बाद इसे ट्रस्ट मंदिर निर्माण इकाई को सौंपा जाएगा। उसके बाद निर्माण इकाई एल एंड टी इन परियोजनाओं पर काम शुरू कर सकेगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मंदिर का तकनीकी निर्माण शुरू करने के पहले मंदिर परिसर में बहुत काम होना बाकी है जिसमें समय लगेगा।
मंदिर स्थल पर साइकल टेस्टिंग के लिए कई जगहों पर 30 फीट गहरी खोदाई का काम भी बाकी है। अभी निर्माण इकाई के केवल दो कर्मचारी यहां समतलीकरण व अन्य योजनाओं को शुरू करने का स्थलीय परीक्षण कर रहें हैं। एलएंडटी कंपनी अपनी पूरी टीम के साथ मशीनों, उपकरणों आदि को तकनीकी निर्माण शुरू करने के पहले वहां उतारेगी।