विदेशी शेयर मार्केट पर लगवा रहे थे सट्टा

के० एस० टी०,कानपुर। शेयर बाजार और प्रतियोगी परीक्षाओं पर सट्टा लगाने वाले गिरोह का पुलिस ने राजफाश करते हुए शुक्रवार शाम सात सटोरियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से सट्टा पर्चियां, ताश की गड्डियां, 10 मोबाइल फोन और करीब 38.25 लाख रुपये बरामद हुए हैं। पुलिस आरोपितों का नेटवर्क खंगालने में जुटी है। वहीं गिरोह के एक सदस्य की तलाश में दबिश जारी है।

एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार को सेंसेक्स पर बड़े पैमाने पर सट्टा होने की सूचना मिल रही थी। शुक्रवार शाम उन्होंने एसपी दक्षिण दीपक भूकर संग मिलकर टीम का गठन किया और एक साथ काकादेव के विजयनगर निवासी सर्राफ सागर सोनी के घर और कल्याणपुर के केशवपुरम स्थित ननके टमाटर वाले के मकान में छापा मारा। दोनों ही स्थानों पर पुलिस को सेंसेक्स पर सट्टा लगते मिला।

सागर सोनी के घर से आर्य समाज पार्क निवासी संजय कुमार, अभिषेक, अमित वर्मा भी पकड़े गए और करीब 23.05 लाख रुपये, ताश की 16 गड्डियां, छह मोबाइल फोन, रजिस्टर, पर्ची आदि बरामद हुआ। रावतपुर केशवपुरम में पिटू, आंबेडकरनगर निवासी शैलू और शास्त्रीनगर निवासी रोहित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। मकान में 15.20 लाख रुपये, ताश की 10 गड्डी, चार फोन और पर्ची रजिस्टर मिला।

एसपी ने बताया कि आरोपित सेंसेक्स क्लोज होने के अंतिम दो अंकों पर सट्टा लगवाते थे। गिरोह के एक बदमाश संतोष की तलाश जारी है। साथ ही बरामद मोबाइल फोन में मिले व्हाट्सएप नंबरों और मैसेजों की पड़ताल कर गिरोह के नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। और नीट परीक्षा की अनिश्चितता को देखते हुए आरोपितों ने परीक्षा की तारीख पर भी सट्टा लगवाया था। पूछताछ में उन्होंने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सेंसेक्स में सट्टे का कारोबार न चलने पर वह जुआ खिलवाते थे। इसमें भी काफी पैसा वसूल लेते थे। दोनों अंक सही निकले तो 10 के 750 रुपये मिलते थे एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि सेंसेक्स के आखिरी दो अंक सही निकलने पर ग्राहक को 10 रुपये के 750 रुपये मिलते थे जबकि एक अंक सही निकलने पर 10 के 90 रुपये मिलते थे। कोई भी अंक सही न निकलने पर रकम डूब जाती थी।

दिखावे के लिए दुकान चलाता था आरोपित सागर सोनी मुख्य आरोपित है। वह दिखावे के लिए अपनी दुकान चलाता था। सटोरिये ग्राहक बनकर आते थे और पर्ची पर नंबर लिखकर दे जाते थे। यही नहीं उसके वाट्सएप नंबर पर भी लोग अपने अंक लिखकर भेजते थे। मोबाइल फोन में सेंसेक्स के कई एप भी मिले हैं।

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