बालूघाट पर दफन शवों के मिले अवशेष

के० एस० टी०,शुक्लागंज संवाददाता। गंगा के घाटों में दफन किये गये शवों का मामला प्रशासन से लेकर शासन तक की परेशानी बन रहा है। गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के रौतापुर‚ बालूघाट पर शवों के दफन किये जाने का मामला राष्ट्रीय स्तर पर गूंजा‚ जिस मामले पर राज्य सरकार ने सफाई देकर मामले को दबाने का प्रयास भी किया।

सोमवार को नगर के बालूघाट पर दफन किये कुछ शवों के अवशेष बाहर पाये जाने से लोगों में हड़कप की स्थिति बनी रही। हालांकि इस मामले से प्रशासन अंजान रहा। कोरोना संक्रमण के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में सैकड़़ों लोगों की मौत हो गई‚ जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र रौतापुर व शहरी क्षेत्र बालूघाट पर भारी संख्या में शव दफन कराये गये।

रौतापुर व बालूघाट की घटना राष्ट्रीय स्तर तक गूंजी। जिसपर प्रशासन ने किसी तरह अपनी सफाई में दफन शवों को परम्परागत तरीके से अंतिम संस्कार होना बताया। कुछ दिन पूर्व अचलगंज के पास दफ न शवों के उतारने के बाद कुत्तों द्वारा नोचें जाने का विडियो वायरल हुआ था। एसड़ीएम के निर्देश पर लेखपाल ने जेसीबी से दफन शवों के.

ऊपर बालू का ऊंचा टीला लगा दिया। उसके बाद भी सोमवार को बालूघाट पर कुछ शवों के अवशेष बाहर पड़े़ मिले। रेत पर खेती करने वालों की मानें तो रात के अंधेरे में आदमखोर कुत्ते कम गहराई में दफन शवों को खोद कर बाहर निकाल लेते और उनका मांस नोचकर खा जाते हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि गंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है।

तब कम गहराई में दफन शवों के उतारने की संभावना ज्यादा प्रबल हो गई है। इसके साथ ही आवारा कुत्तों द्वारा दफन शवों कोे क्षतिग्रस्त करना प्रशासन के लिए सिरदर्द बन सकता है। उन्नाव सदर एसड़ीएम सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि बालूघाट पर दफन शवों के अवशेष मिलने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तब जांच कराकर घाट किनारे दफन शवों के ऊपर और अधिक बालू ड़ाली जायेगी।

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