के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। मिलन केंद्र के रूप में पहचान बना चुके परौंख गांव में स्थित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के घर को अब महिला उद्यमिता का केंद्र भी बनाया जाएगा। गांव में जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात कही। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में इसमें महिलाओं को रोजगार देने के कार्यक्रम होंगे।
उन्हें किसी ट्रेनिंग की जरूरत हुई तो वह भी दिलवाई जाएगी। इस भवन में अब साल भर कुछ न कुछ आयोजन होते रहेंगे। राष्ट्रपति ने यह घर ग्रामीणों को दान कर दिया है। अब यहां निशुल्क उत्सव और शादी समारोह होते हैं। ग्राम पंचायत इसकी देखरेख करती है। राष्ट्रपति परौंख गांव के भ्रमण के दौरान अपने घर भी पहुंचे।
जिस घर में उनका बचपन बीता, उसे देखकर उनकी आंखें नम हो गईं। पत्नी और बेटी से पुरानी यादें साझा कीं। बताया कि शुरुआती जीवन के 14-15 साल इसी घर में गुजारे हैं। इन्हीं गलियों में खेले हैं। एक-एक कमरे में जाकर देखा और बताया कि इसमें खाना बनता था और इसमें गृहस्थी रखी जाती थी। रविवार को इसे भव्य रूप में सजाया गया था।
इनके घर के सामने रहने वाले बुजुर्ग रामबली उन्हें देखकर ही भावुक हो गए। बोले-बचपन में हम चार-पांच साथी पास के तालाब में ही नहाया करते थे और घर पर मारे जाते थे। रामनाथ को पता नहीं ये सब याद भी है कि नहीं।
मंदिर में पूजा की, पिता को याद किया
रामनाथ कोविंद के पिता मैकूलाल चार धाम की यात्रा के दौरान नदियों से कुछ पत्थर उठाकर लाए थे। घर के पास बने बरगद के पेड़ के नीचे रखकर उनकी पूजा करते थे। उस स्थान पर भव्य मंदिर देखकर वे गदगद हो गए। गांव भ्रमण के दौरान सपरिवार मंदिर पहुंचे। पुजारी कृष्ण कुमार ने विधि विधान से पूजा कराई। राष्ट्रपति अपने साथ फल और मिष्ठान भी ले गए थे।
पूजा के बाद उसे ग्रामीणों में वितरण कराया। पुजारी को 11 हजार रुपये दक्षिणा भी दी। इस मंदिर में अब नौ देवियों की प्रतिमाएं भी विराजमान हैं। उन्होंने मां दुर्गा के नौ रूपों को प्रणाम किया और सपरिवार मंदिर की परिक्रमा भी की। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपनी बेटी, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को मंदिर के महत्व और पिता की ओर से की गई देखरेख के बारे में भी बताया।