जलस्तर स्थिर होने के साथ कटान की गति हुई तेज

के० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। हर साल शासन से लेकर प्रशासन तक के लोग बाढ़ से बचाव के इंतजाम और तैयारियों के दावे करते हैं, लेकिन इस बार भी उनका सारा दावा नदी की धारा में बहता दिख रहा है। वह ठोकर भी धारा में विलीन हो रहा है, जिसके निर्माण की प्रगति जानने के लिए बड़े-बड़े अधिकारी दौरा करते रहे।

क्षेत्र के लोगों ने बताया कि जलस्तर स्थिर अथवा कम होने के साथ कटान की गति काफी बढ़ जाती है। मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाले के पास जलस्तर स्थिर तो डिघिया गेज पर चार सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। इसके बाद बगहवा, झगड़हवा, वासू का पूरा, सेमरी आदि स्थानों पर आबादी व कृषि योग्य भूमि की कटान तेज हो गई है।

गांगेपुर में कृषि योग्य भूमि के अलावा निर्माणाधीन रहे ठोकर को भी नदी अपनी धारा में समाहित करने को आतुर दिख रही है।बाढ़ खंड द्वारा रिग बांध के बचाव के लिए कोई कार्य शुरू नहीं किया गया है। घाघरा नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का क्रम बना हुआ है।

डिघिया नाले पर गुरुवार की शाम चार बजे 68.84 मीटर से चार सेमी कम शुक्रवार को 68.80 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां खतरा बिदु 70.40 मीटर है। बदरहुआ गेज पर गुरुवार को शाम चार बजे 69.46 मीटर रिकार्ड जलस्तर शुक्रवार को भी उतने पर स्थिर रहा।यहां खतरा बिदु 71.68 मीटर है।

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