प्रश्न रिपीट होने से परेशान हुए छात्र

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। सीएसजेएमयू की शनिवार को हुई एलएलबी फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा के फेमिली लॉ–1 के पेपर में त्रुटि से परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़़ा। पर्चा देखते ही प्रश्नों को रिपीट पाकर छात्र हैरत में पड़़ गये। पेपर के अंग्रेजी व हिन्दी वर्जन के उत्तरों में भी भिन्नता थी। विद्यार्थियों की शिकायत पर परीक्षा केन्द्र संचालकों ने तत्काल इसकी सूचना विवि प्रशासन को दी।

विवि प्रशासन ने माना कि संबंधित पेपर के सी एवं ड़ी सीरीज में यह दिक्कत टंकण त्रुटियों के कारण आयी है। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए विद्यार्थियों को संबंधित प्रश्नपत्र में कोई भी 50 भिन्न–भिन्न प्रश्न हल करने के निर्देश दिये। इस पर विद्यार्थियों ने रोष जरूर जताया‚ लेकिन शांतिपूर्वक परीक्षा दी। विवि प्रशासन का दावा है कि इस त्रुटि के चलते विद्यार्थियों का कोई अहित नहीं होने दिया जायेगा।

पेपर में पूछे गये 100 प्रश्नों में से 50 प्रश्न दो बार रिपीट कैसे हो गये‚ इसका कोई सटीक जवाब विवि प्रशासन की ओर से नहीं आया। यह जरूर बताया गया कि पेपर के सी(C) व ड़ी(D) सीरीज में टंकण त्रुटियों के कारण यह दिक्कत आयी‚ जिसका समाधान कर लिया गया। आगे भी विद्यार्थियों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जायेगी। डीएवी परीक्षा केन्द्र पर विद्यार्थियों से पेपर में समस्या मिलने पर तत्काल विवि को अवगत कराया गया।

अन्य केन्द्रों से भी ऐसी सूचनाएं आयीं। ड़ीएवी कॉलेज प्राचार्य ड़ॉ.अमित श्रीवास्तव ने बताया कि बाद में विवि के निर्देश पर विद्यार्थियों से कहा गया है कि वे अपने हिसाब से सही प्रश्नों का हल करें। इस तरह परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई। अब विद्यार्थी विवि से संपर्क कर समस्याओं का निदान करायेंगे। विद्यार्थियों का कहना था कि पेपर के ड़ी(D) सेट में 50 प्रश्न व सी(C) सेट में 40 प्रश्न रिपीट कर दिये गये थे।

पेपर के ड़ी सेट में क्रमांक 1 से 50 तक जो प्रश्न थे‚ वहीं प्रश्न क्रमांक 51 से 100 तक में थे। सी(C) सेट के पेपर में भी 40 प्रश्न रिपीट होने की जानकारी छात्रों ने दी। पेपर के अंग्रेजी व हिन्दी वर्जन के उत्तरों में भी भिन्नता पाई गई। छात्रों ने कोरोना संकट के कारण बड़़ी मुश्किल से कराई जा रही परीक्षा में भी प्रश्नपत्र तैयार करने में लापरवाही पर सवाल उठाये व कहा कि लगता है परीक्षा के प्रति विवि प्रशासन की गंभीर नहीं है।

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