के० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता।श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को देखते हुए मंदिरों में विशुद्ध भोग (ब्लिसफुल हाइजीन आफरिग टू-गाड यानी ईश्वर को चढ़ाया जाने वाला विशुद्ध खाद्य पदार्थ) चढ़ाने के लेकर जिले में भी कवायद तेज हो गई है। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में भी यह व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग) के.
अभिहित अधिकारी डा० दीनानाथ यादव ने बताया कि शुरुआत में भंवरनाथ मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। इसके बाद अन्य मंदिरों में भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा जाएगी। इसके अलावा राजकीय मेडिकल कालेज परिसर को ईट राइट कैंपस के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक ईट राइट स्कूल प्रक्रियाधीन है।
एक क्लीन स्ट्रीट फूड हब एवं एक क्लीन एंड फ्रेश फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केट विकसित करने के लिए अग्रिम कार्रवाई के लिए स्थल चिह्नित करने एवं समस्त संबंधित विभागों से सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 50 मिठाई प्रतिष्ठान, रेस्टोरेंट एवं बेकरी शाप की हाइजीन रेटिग के लिए थर्ड पार्टी आडिट जारी है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रकार के.
सरकारी, गैर सरकारी खाद्य कारोबार कर्ता, फर्म व संस्था को, जो कि किसी भी खाद्य पदार्थ का विनिर्माण, विक्रय, प्रसंस्करण, भंडारण इत्यादि का कार्य करते हैं। उन्हें खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुरूप वार्षिक टर्नओवर 12 लाख रुपये से कम पर मात्र 100 रुपये फीस पर पंजीकरण और 12 लाख रुपये से अधिक होने पर खाद्य कारोबार के वर्ग के.
अनुरूप 2,000 रुपये से 3,000 रुपये वार्षिक फीस पर अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के बाद ही खाद्य कारोबार करने का प्रावधान है, अन्यथा पांच लाख रुपये तक अर्थदंड एवं छह महीने तक के कारावास का प्रावधान है।