खाकी की छवी धूमिल करने की नापाक कोशिश

जिलाधिकारी का आदेश दरकिनार, उपनिरीक्षक  का हुक्म आरपार!


के० एस० टी०,लखनऊ/कानपुर संवाददाता। 1 जनवरी को थाना बंथरा अंतर्गत मिट्टी की खुदाई के संदर्भ में उपनिरीक्षक हसीना खातून ने जिला अधिकारी के कागजों को नजरअंदाज करते हुए मिट्टी की खुदाई पर तत्काल रोक लगाने का आदेश खुद पारित कर दिया। मिट्टी खुदाई करने वाला व्यक्ति बताता रहा “की जिला अधिकारी महोदय के यहां से हमें मिट्टी खुदाई की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है” इसके बावजूद दरोगा हसीना खातून अड़ गयी थी कि खुदाई बंद कराई जाए।

दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जहां खुदाई का काम चल रहा था वहां कुछ लोग अवैध रूप से अवैध वसूली के लिए पहुंच गए। लेकिन जब वसूलीबाज अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाए तो उन्होंने एक तरकीब निकाली और उपनिरीक्षक हसीना खातून को मौके पर बुला लिया, और यही उन्होंने किया। अब उपनिरीक्षक अवैध रूप से रुपए मांग रहे लोगों के वाहन में बैठ कर मौके पर पहुंच गई। और फिर क्या था? जिलाधिकारी क्या होते हैं? यह राम जाने!

लेकिन उस समय जो आदेश है,वह सिर्फ दरोगा जी करेंगी। क्योंकि हिटलर शाही तो चलानी है,तो फिर वही किया गया। सूचना थाने तक पहुंची थाना प्रभारी अजय प्रताप सिंह ने संपूर्ण प्रकरण को पता किया। जब पता चला की जिलाधिकारी महोदय ने उक्त स्थान से मिट्टी निकालने का निवेदन स्वीकार कर लिया है। इसके बाद मौके पर उपस्थित दरोगा को थाने बुलाया गया और बताया गया की जिलाधिकारी महोदय ने निकासी का अनुज्ञा पत्र कंपनी को जारी कर चुके हैं,

फिर क्या था? दरोगा को यह बात रास नहीं आई लेकिन खैर उच्च अधिकारियों ने मौके की नजाकत को दृष्टिगोचर करते हुए उपनिरीक्षक का तबादला कर दिया अब उपनिरीक्षक के पास में एक और मुसीबत खड़ी हो गई थी और वह मुसीबत थी। कानपुर से आने और जाने की दरअसल जहां पर बंथरा थाना है वह लखनऊ का बॉर्डर है यानी बंथरा थाने से कानपुर आने में बहुत कम समय लगता है। लेकिन महिला उप निरीक्षक का तबादला हो जाने से उनके कानपुर आने जाने पर.

भी रोक लग गई और फिर उपनिरीक्षक हसीना खातून को यह बात पसंद नहीं आयी कि कोई उनके आराम में कोई खलल डालें और इस लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। खैर लोगों से मिली जानकारी के अनुसार इससे पूर्व भी दरोगा रुपए की अवैध उगाही के लिए चर्चा में रह चुकी है और यह उनका कोई पहला वाकया नहीं है। संपूर्ण रुप से यह कहना उचित होगा की खाकी की छवि को धूमिल करने वाली महिला उपनिरीक्षक पर कठोर से कठोर कार्रवाई को अमल में लाना होगा जिसके परिणाम स्वरूप लोगों का खाकी के प्रति विश्वास वा सम्मान को उत्कृष्टता प्राप्त हो।

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