नवीन मार्केट के पीछे धड़ल्ले से संचालित हो रहा है अवैध स्टैण्ड, दबंग कर रहे जमकर वसूली

नवीन मार्केट की स्मार्टनेस खत्म करते अवैध स्टैण्ड संचालकों पर कार्रवाही आखिर क्यों नहीं?

काली कमाई करने वाले दबंगों को आखिर किसका संरक्षण, जहां होती है स्टैण्ड के माध्यम से अवैध वसूली

शातिर अपराधी के गुर्गे करते हैं स्टैण्ड पर अवैध वसूली, जड़ें नहीं उखाड़ पाया प्रशासन, विश्वस्त सूत्र


के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। उत्तर प्रदेश में अवैध टैक्सी, बस व रिक्सा स्टैंड और सड़कों के अतिक्रमण पर सख़्त हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय जिम्मेदारों को सख़्त कार्रवाही के निर्देश दिए थे। अवैध स्टैंडों का गढ़ बने कानपुर नगर में आज भी अवैध वसूली चरम पर है। कई अराजकतत्व इसके माध्यम से जमकर काली कमाई कर रहे हैं।

योगी के फ़रमान के बावजूद भी दबंगो व अपराधियों द्वारा जारी स्टैण्डों की अवैध वसूली जिम्मेदार लोगों को कटघरे में खड़ा करती है। पिछले दिनों सड़क सुरक्षा और अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी गंभीर दिखे थे। ऐसे वसूलीबाज दबंगो पर सख्त कार्रवाई की बात कही थी। जिस पर कानपुर पुलिस कमिश्नररेट की भी प्राथमिकता यही थी कि.

सबसे पहले अवैध वसूली वाले स्टैण्ड बंद कराए जाएंगे लेकिन विभागीय लचर रवैये से अतिक्रमण के साथ अवैध स्टैंडों का कारोबार अभी भी चरम पर है। आखिर कानपुर में चलने वाले अवैध स्टैंडों पर कब गाज गिरेगी? क्या कारण है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी प्रसाशन सख्त नहीं हो पाया? स्टैण्ड संचालकों की अवैध वसूली निरंतर जारी है।

लाख कोशिशों के बावजूद भी नवीन मार्केट के पीछे संचालित हो रही अवैध पार्किंग की जड़ें प्रशासन द्वारा नहीं उखाड़ी जा सकीं। दबंगों द्वारा संचालित होते इस अवैध स्टैंड पर अपराधी व दबंग वसूली अपने खास लोगों से करवाते हैं। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि इस मार्केट में शातिर अपराधी व दबंगो के गुर्गे खुलेआम अवैध वसूली करते हैं।

जहां अक्सर होने वाली इस अवैध वसूली का विरोध करने पर जनता के साथ नोकझोंक होती दिखती है। जिस पर वसूली करने वाले दबंगों के गुर्गे लड़ाई झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। जबकि सूबे के मुखिया का आदेश था कि जिम्मेदारों को अतिक्रमण और अवैध स्टैंडों के खिलाफ की गई कार्रवाही की हर हफ़्ते मॉनिटरिंग करते हुए नियमित रिपोर्ट देनी होगी। ऐसे में नवीन मार्केट की छवि खराब कर रहे अवैध स्टैण्ड संचालकों पर आखिर कौन मेहरबान है?

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