सांसद पचौरी फिर बोले-महाना की सीमा विधानसभा सचिवालय तक सीमित

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की ओर से समग्र विकास को लेकर बुलाई गई बैठक पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को एक बार फिर भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने महाना पर हमला बोला। सांसद ने कहा कि उनकी सीमा सिर्फ विधानसभा सचिवालय तक है। अगर दो बार गलती से बैठक बुला ली गई तो इसका मतलब यह नहीं कि बार-बार वही गलती दोहराई जाए और अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में.

विकास कार्यों के शिलापटों का अनावरण करने पहुंचे भाजपा सांसद पचौरी ने कहा कि वह सांसद हैं और जानते हैं कि संवैधानिक स्थिति क्या होती है। उनकी (सतीश महाना) की सीमा सिर्फ विधानसभा सचिवालय तक है। विकास कार्यों की समीक्षा का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री या प्रभारी मंत्री को है। यह संवैधानिक है, इसीलिए मंडलायुक्त को उनकी बैठक रोकने के लिए पत्र भेजा था।

वहीं पांच दिन से चल रहे इस विवाद में अब भी संगठन स्तर से कोई भी पदाधिकारी पहला कदम उठाना नहीं चाह रहा। इस संबंध में जब कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी मामले की उन्हें जानकारी नहीं हैं लेकिन, ऐेसा है तो लोगों को बैठाकर समझाया जाएगा।

विकास कार्य को लेकर भी हमला-: छावनी विधानसभा क्षेत्र में शिलान्यास कार्यक्रम के बाद सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि यहां के वार्ड 46 का आधा हिस्सा महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। इसीलिए पार्षद इसे उपेक्षित छोड़ देते हैं। महाराजपुर क्षेत्र विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की विधानसभा है। सत्यदेव पचौरी ने वहां लोगों को आश्वस्त किया कि अगली बार इस वार्ड को विकास के लिए पूरे पांच करोड़ रुपये देंगे।

 

 

यह है मामला-: बता दें कि 16 नवंबर को यह विवाद शुरू हुआ था, जब सांसद पचौरी और भोले ने विधानसभा अध्यक्ष की बैठक में शामिल होने से मना करते हुए बैठक को निरस्त करने के लिए कहा था। इसके बाद मिश्रिख के सांसद अशोक रावत भी दोनों सांसदों के साथ आ गए थे। 18 नवंबर को बैठक तो हुई लेकिन तीनों सांसद नहीं आए। वहीं भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी और सपा विधायक इरफान सोलंकी को छोड़कर बैठक में सभी विधायक शामिल रहे।

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