बाबू की मूर्ति आज तक पुलिस बरामद न कर सकी

के० एस० टी०, कानपुर देहात। दिलावलपुर गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को चाहने वालों ने उनके सम्मान में पीतल की मूर्ति व चबूतरे का निर्माण कराया। सालों साल तक यहां गांधी जयंती पर तिरंगा फहराकर लोग राष्ट्रपिता को याद करते थे,

लेकिन चोरों ने यहां मूर्ति चोरी की तो आज तक पुलिस उसे बरामद न कर सकी। समय के साथ लोगों ने इसके महत्व को भुला दिया। आज यह बदहाल स्थिति में है। यहां फूल चढ़ाना तो दूर सफाई तक कोई नहीं करता।

दिलावलपुर में तालाब किनारे महात्मा गांधी की पीतल की मूर्ति वर्ष 1965 में स्थापित की गई थी उस समय गांव के प्रधान देवीप्रसाद सचान ने मूर्ति स्थापित करवाई थी और विशाल चबूतरे का निर्माण करवाया था।

25 वर्ष तक यहां गांधी जयंती पर लोग जुटते थे और फूल माला चढ़ा तिरंगा फहराकर बापू को याद करते थे। बाकी दिनों में गांव के लोग यहां बैठकर चर्चा करते और विकास कार्यों का खाका खींचते।

वर्ष 1990 में चोरों ने इस मूर्ति को चोरी कर लिया। पुलिस ने मामले को हल्के में लिया और न ही चोर पकड़े गए और न मूर्ति बरामद हुई। बस इसी के बाद से इसके बदहाली के दिन शुरू हो गए।

ग्रामीणों के अलावा जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों ने कभी इस तरफ ध्यान नहीं दिया। चबूतरा क्षतिग्रस्त हो गया और धीरे धीरे यहां झाड़ी व घास ने कब्जा जमा लिया। उस समय के प्रधान रहे.

देवी प्रसाद के बेटे वीरेंद्र सचान ने बताया कि एक समय था जब यहां बैठक होती थी लोग धूमधाम से जयंती मनाते थे, लेकिन आज यह अनदेखी का शिकार है।

ग्राम प्रधान जनमेजय सचान ने बताया कि क्षेत्र का यह सबसे पुराना और यादगार स्मारक स्थल रहा है। पुराने लोगों की याद ताजा होती है। उच्चाधिकारियों से बात कर इसका निर्माण कार्य करवाया जाएगा।

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