कानपुर में बर्ड फ्लू की दस्तक

के० एस० टी०, कानपुर संवाददाता। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइ.वी.आर.आइ) में पिछले कई महीनों से कोरोना संक्रमण की जांच हो रही थी। हालांकि वर्ष 2011-12 में बनाई गई बीएसएल-3 लैब में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सभी.

जिलों से जिंदा पक्षियों या कुक्कुट प्रजाति के सैंपल जांच के लिए आते हैं। सीएम के आदेश के बाद तेज हुई जांच की तैयारियां, इस तरह करीब 88 जिलों के पक्षियों के सैंपलों की जांच आइ. वी. आर. आइ. की लैब में होती है।

कोविड-19 से पहले अभी तक हर साल करीब 30-40 हजार सैंपल की जांच होती रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद से बीएसएल-3 लैब में बर्ड फ्लू वायरस की जांच की तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

हालांकि शुक्रवार को जिले से मिले कोरोना सैंपल की जांच भी लैब में हुई। आइ. वी. आर. आइ के संयुक्त निदेशक (कैडरेड) डॉ. वीके गुप्ता बताते हैं कि रविवार से केवल बर्ड फ्लू की जांच होगी। लैब में जिंदा पक्षियों या कुक्कुट प्रजाति के तीन तरह

के सैंपलों की जांच होती है। इसमें पक्षियों या मुर्गे-मुर्गियों की बीट, स्वैब यानी मुंह और नाक से नमूने लिए जाते हैं। इसके अलावा सीरम या खून का नमूना लेकर भी जांच की जाती है। अगर रिपोर्ट में बर्ड फ्लू पॉजिटिव आता है।

तो इसकी सूचना मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिसीज में दी जाती है। जिसके बाद संबंधित जिले में भोपाल के इंस्टीट्यूट की टीम निरीक्षण करती है। मृत पक्षियों में वायरस की जांच भी भोपाल में ही होती है।

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