उन्नाव में शुक्लागंज रोड पर जाम हटवाने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने किया पथराव

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। कानपुर के बिकरू कांड में देश भर में किरकिरी के बावजूद पुलिस सबक लेने को तैयार नहीं है। कुछ ऐसा ही वाकया बुधवार को जिले में उस समय हुआ, जब हादसे में दो युवकों की मौत के दूसरे दिन बुधवार को उपद्रव कर रहे लोगों से निपटने पुलिस बिना सुरक्षा संसाधनों के खाली हाथ पहुंच गई। सिर पर हेलमेट के बजाय स्टूल, हाथों में क्रेट और लकड़ी की टोकरी रही।

इससे अफसरों और पुलिस कर्मियों को भागकर खुद की जान बचानी पड़ी। तीन घंटे तक चले बवाल, पथराव और तोडफ़ोड़ में दारोगा समेत 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद भी अफसर गलतबयानी कर खुद को बचाने की कोशिश में जुटे दिखे।मंगलवार को सड़क हादसे में मृत दो युवकों के शव लेकर बुधवार सुबह स्वजन ने उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग जाम कर दिया। पुलिस ने उनको वहां से हटने की ताकीद की।

इस बीच बड़ी संख्या में ग्रामीण आ गए। समझाने पर भी ग्रामीणों के नहीं मानने पर पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठियां पटकनी शुरू कर दीं। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। कई वाहन तोड़ डाले। बवाल बढऩे पर कई थानों का फोर्स, स्वाट टीम व महिला विंग भी बुलाई गई। हालांकि, पुलिस टीमें जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां का दृश्य देखने लायक था।

पुलिसकर्मियों के हाथ में लकड़ी के टोकरे और प्लास्टिक की क्रेट ढाल के तौर पर थीं तो सिर पर प्लास्टिक के स्टूल हेलमेट का काम करते दिखे। दो जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों की शहादत के बाद भी पुलिस और प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। किसी पुलिसकर्मी के पास बॉडी प्रोटेक्टर, सिर पर हेलमेट नजर नहीं आए। नतीजा, पथराव में एसडीएम सदर, सीओ,

एक दारोगा समेत 18 पुलिसकर्मियों के सिर फूटने से वह लहूलुहान नजर आए। उल्लेखनीय है कि मंगलवार सुबह उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग स्थित अकरमपुर के पास कार की टक्कर से बाइक सवार मगरवारा पुलिस चौकी क्षेत्र के गांव देवी खेड़ा निवासी राजेश और विपिन की मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे स्वजन ने ग्रामीणों के साथ शाम को जाम लगा दिया था।

प्रशासन ने पांच-पांच लाख रुपये मदद का आश्वासन दिया था। कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद्र मिश्र ने रिपोर्ट दर्ज कर कार सवारों पर कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन पूरी रात बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर स्वजन व ग्रामीणों ने नाराज होकर शव उन्नाव-शुक्लागंज रोड पर रखकर जाम लगा दिया। भीड़ हटाने के लिए पुलिस जब आगे बढ़ी तो आक्रोशित लोगों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस के पास संसाधनों की कमी नहीं है।

पहले इतने बड़े बवाल की आशंका नहीं थी, लेकिन पथराव होने के दौरान पुलिस कर्मी आगे थे और आरएएफ पीछे थी। इससे कुछ कर्मी घायल हो गए। कुछ मिनट में ही सभी को बॉडी प्रोटेक्टर व हेलमेट आदि उपलब्ध हो गए थे। इसके बाद कोई घायल नहीं हुआ और उपद्रवियों पर काबू पाया जा सका।

-शशि शेखर सिंह, एएसपी

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