उन्नाव में उत्कृष्ट सेवा मेडल से सम्मानित दारोगा भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड
06 Sep
के० एस० टी०,उन्नाव संवाददाता।महज 21 दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से उत्कृष्ट सेवा मेडल पाए दारोगा सर्वेश राना ने सराफा कारोबारी पर दबाव बना 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। 20 हजार लेने के बाद भी नहीं मानने पर पीड़ित ने शिकायत की, लेकिन पुलिस ने टरका दिया। इसके बाद पीडि़त ने पुरवा विधायक अनिल सिंह को मामला बताया। इस पर विधायक ने एसपी से बात की।
इसके बाद एसपी ने दारोगा को निलंबित कर तैनाती वाले थाने असोहा में ही उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा जेल भिजवा दिया। सोहरामऊ थानांतर्गत गांव सहरावां निवासी संतोष के पुत्र सोनू ने बताया कि उनकी असोहा थानाक्षेत्र के गांव बेलौरा में ज्वैलरी की दुकान है। शनिवार देर शाम वह दुकान बंद कर गांव के लिए निकले, तभी रास्ते में रानीपुर मोड़ पर असोहा थाने में तैनात दारोगा सर्वेश राना मूल निवासी ग्राम.
भैदपुर एरवा कटरा जिला औरैया ने उनकी कार रोक ली। पूछने पर उन्हें बताया कि दुकान बंद कर घर जा रहे हैं। इस पर दारोगा ने कहा कि चोरी का माल खरीदते हो। अभी तीन-चार आदमी बुलाकर डकैती में जेल भेजता हूं। आरोप है कि जब उन्होंने ऐसा कुछ भी न करने की बात कही तो दारोगा ने गालियां दीं और थाने ले जाने की बात कही। थाने जाने के डर से उस समय हाथ-पैर जोड़ लिए।
इस पर दारोगा ने कहा कि 50 हजार रुपये दो तो जाने देंगे। अपने दोस्त ज्ञान शंकर से 20 हजार रुपये मंगाकर दिए। इस पर दारोगा ने 20 हजार रुपये रविवार को और देने की बात कहकर छोड़ दिया। रविवार को असोहा थाने में तहरीर दी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। वर्तमान में भाजपा में शामिल हो चुके पुरवा विधायक अनिल सिंह ने बताया कि दारोगा के रिश्वत मांगने के मामले में एसपी से बात की थी।
उसके बाद कार्रवाई की गई है। सीओ पुरवा विक्रमाजीत सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर दारोगा सर्वेश राना के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है। एसपी ने उसे उसे निलंबित कर दिया है।
15 अगस्त को मिला था मेडल-:भ्रष्टाचार के आरोप में रविवार को रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पकड़े गए दारोगा सर्वेश राना को महज 21 दिन पहले 15 अगस्त को गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से उत्कृष्ट सेवा मेडल मिला था। मेडल पाने के कुछ दिन बाद ही उन्हें गंभीर धारा में हुई कार्रवाई का सामना करना पड़ा।इनका ये है कहना-:सराफा कारोबारी से वसूली की शिकायत पर सीओ से जांच कराई तो आरोप सही निकले। इसके बाद दारोगा को निलंबित कर मुकदमा दर्ज करा जेल भेजा गया है।