के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। त्योहारों की श्रृंखला में दीपावली पर बाजार में कस्टमर तो उतरा किन्तु खरीददारी में कस्टमरों में वह उल्लास देखने को नहीं मिला। जो हुआ करता था। जिससे दुकानदार के चेहरों में वह रौनक नही थी। जो माल मंगाते समय उनके अन्दर देखी जा रही हैं। अन्ततः दुकानदार मंहगाई को ही कोसते नजर आए।
नम्बर के प्रथम सप्ताह में ही धनतेरस छोटी दीपावली दीपावली पड़ जाने से शहर के सीसामऊ बाजार, गुमटी बाजार, नवीन मार्केट, गोविन्द नगर, विजय नगर, कल्याणपुर, छपेड़ा बाजार, शास्त्री नगर आलम मार्केट आदि चर्चित बाजारों में दुकानदारों के चेहरे में त्यौहार के पूर्व दो साल बाद पहली बार ऐसी खुशी देखी जा रही थी। धनतेरस वाले दिन में सुबह से ही बाजारों में.
कस्टमर तो आना शुरू हुआ किन्तु उस मात्रा में उसने खरीददारी नहीं की। दोपहर से भीड़ उमड़ी किन्तु खरीदारी न के बराबर चम्मच, कटोरी, ग्लास, थाली तक ही सिमटी रही। शाम के बाद बाजारों में पॉव रखने के लिए जगह नहीं थी। किन्तु खरीददारी आवश्यक सामानों तक ही सीमित रही। शहर की भूसा टोली की बर्तन बाजार का भी यही हाल था।
बिरहाना रोड व नया गंज के ज्वैलरी की दुकानों में चर्चित शोरूमों में चूंकि पांश इलाकों से कस्टमर आते हैं। वहां तो भीड़ का आना-जाना लगा रहा किन्तु पिछले साल की भी बिक्री नहीं रही। कांशी राम जैसे ज्वैलर्सो की दुकानों के सामने गाड़िया खड़ी रही। जिससे उनकी उच्चधरानो की वजह से दुकानदारी होती रही। अन्य दुकानों में चाँदी के सिक्के ही बिके।
दूसरी तरफ रेडीमेड कपड़े के लिए मांलो की बनी दुकानों में अत्यधिक बिक्री के लिए त्यौहार ऑफर भी दिया किन्तु दुकानदारीं औसत पिछले वर्षों से इस वर्ष बहुत काफी कम रही। सिलाई की दुकानों में कपड़ा रखने के लिए जगह नही होती थी किन्तु सिलाने की बजाय लोगो ने गर्म कपड़े खरीदे।