समाजविरोधी कार्यो से खूब पैसा कमा रहा है केशव हॉस्पिटल संचालक!

करीबी आकाश दीक्षित के माध्यम से होता है सारे सौदे

पूर्व संचालक डॉक्टर राजेश कुमार ने आखिर क्यों कराया था केशव हॉस्पिटल संचालक का निरस्तीकरण?

क्या वर्तमान संचालक निशांत सिंह उर्फ शनि पार्टनर बनकर कर रहा था गलत खेल?


के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। आवास विकास आईएमएल-146 केशवपुरम कल्याणपुर स्थित केशव हॉस्पिटल आजकल चर्चाओं में है। जिसमें पूर्व के संचालक डॉक्टर राजेश कुमार ने केशव हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन को निरस्तीकरण के बाद यहां नये संचालक निशांत सिंह उर्फ शनि जिसके पास मेडिकल से सम्बंधित कोई अनुभव नहीं है। वह सिर्फ पूर्व के संचालक डॉक्टर राजेश कुमार के.

द्वारा प्रख्यात किये गये केशव हॉस्पिटल के नाम को कैच कराकर दोनों हाथों से पैसा बटोर रहा है। जिसमें दलाली प्रथा को बढ़ावा देकर मरीजों का शोषण किया जाने की चर्चा तो यहां आम रहती हैं। मजेदार बात जो सुनने को मिली है सपा का होने के बावजूद इसने एक भाजपा की दिग्गज महिला नेत्री के साथ फोटो लगवा रखी है। जिससे स्थानीय थाने-चौकी में भौकाल बना रहे। इलाकाई लोगों की चर्चाओं पर ध्यान दे.

तो केशव हॉस्पिटल संचालक इस समय प्रसव गिरवाने का सौदा अपने खास साथी आकाश दीक्षित के माध्यम से करवा रहा है। जिसमें कुंवारी मां बनने वाली युवतियों से यह दोनों जहां अच्छा पैसा ऐठ रहे हैं। वही गर्भ में लड़का है या लड़की इस तरह के सौदे भी केशव हॉस्पिटल में पैसा कमाने के लिये किये जा रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के स्लोगन को बढ़ावा देकर गर्भ गिराने को संज्ञेय अपराध की.

श्रेणी में लाने के लिए प्रयासरत है। वही चर्चाओं की माने तो इस तरह के हॉस्पिटल भाजपा का दिग्गज महिला नेत्री का अपने साथ भौकाल में फोटो लगाकर इस तरह के गंदे कार्यो में लिप्त है। भले ही दिग्गज महिला नेत्री वर्तमान केशव हॉस्पिटल संचालक के विषय में अच्छे से जानती भी न हो। किसी कार्यक्रम में शरीफ होकर बगल में खड़े होकर फोटो खिंचवा ली हो। बहरहाल फोटो लगाकर कम से कम वह थाने-चौकी में.

तो अब रौब गालिब किये हुए हैं। दूसरी तरफ मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर नेपाल सिंह ने इस केशव हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन की जांच के लिए जो टीम लगाई हुई है। वहां से अभी एक हफ्ते बाद भी कोई रिपोर्ट नहीं दी है। हालांकि केशव हॉस्पिटल संचालक निशांत सिंह उर्फ शनि का कहना है कि प्रवर्तन टीम में उसका पावरफुल आदमी हैं। उसका कुछ नहीं बिगड़ने वाला है।

इसी तरह अगर यह केशव हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के इस तरह से समाजविरोधी कार्यो से पैसा कमाना ही मकसद बनाये हैं। ऐसी सूरत में कुछ अनहोनी कभी भी हो सकती हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? स्वास्थ्य प्रशासन केवल झोलाछाप कहकर अपने को बचा लेगा। शहर में तमाम हॉस्पिटल व नर्सिंग होम इसी तरह के समाज विरोधी गतिविधियों वाले कार्य करने में लिप्त हैं। जिनके खिलाफ मरीजों के.

शोषण की कहानी भी खूब चर्चाओं में रहती है। उसके बावजूद कार्यवाही नहीं होती। केशव हॉस्पिटल रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने के बाद एक दिन भी बंद नहीं रहा। क्या यह जांच का विषय नही है? पूर्व डॉक्टर राकेश कुमार केशव हॉस्पिटल का संचालक ने क्या इसी तरह की समाज विरोधी कार्यो को बढ़ावा देने के कारण रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराया था? वरना इतनी ख्याति हो जाने के बाद वह रजिस्ट्रेशन क्यों कैंसिल कराता था?

यह बात इलाकाई लोग दबी जुबान बताते है। वह खुले आम इसलिए नहीं कहते क्योंकि संचालक निशांत सिंह उर्फ शनि बहुत दबंग है।

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