ज्ञानिकों का कहना है कि सिंधु नदी भी कभी हिमालय और लद्दाख से होकर गुजरती थी। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के शोधकर्ताओं ने सिंधु नदी के पुराने समय के मार्ग ढूंढ निकाले हैं। शोधकर्ताओं ने ज्यामितीय आंकड़ों की मदद से निष्कर्ष निकाला है कि यह नदी कभी हिमालय से होकर ही बहती थी।
वैज्ञानिकों ने पाया कि हिमालय की नदियों में तबाही गर्म जलवायु परिस्थितियों के चलते हिमखंडों के पिघलने से नदियों के रास्तों पर प्रभाव पड़ा। वैज्ञानिकों ने नदी के उस चरण का अध्ययन किया, जिसमें नदी की ऊंचाई काफी बढ़ जाती है। वैसे नदी के किनारों पर ऊंचे टीले होना आम घटनाक्रम है।
यह मानव समाज के अतीत, वर्तमान और भविष्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये टीले घाटियों जितने लंबे और विस्तृत हैं। वैज्ञानिक अभी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं कि नदी का विस्तार और ऊंचाई बढ़ने की वजह क्या है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा बारिश के समय हिमखंड के गलने से होता है।
वैज्ञानिकों ने सिंधु नदी की परिस्थितियों का अध्ययन किया। इसमें नदी के बहाव को तीनों भौगोलिक समय के हिसाब से और खासतौर पर सिंधु नदी के विस्तार के ताजा भौगोलिक समय के बजरी के टीलों की ज्यामितीय डाटा का उपयोग करके पता लगाया है।