के० एस० टी०,लखनऊ संवाददाता। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय के दम पर अलग पहचान बनाने वाली कनक पांडेय इन दिनों दुबई से प्रवासी मजदूरों को भारत भेजने को लेकर सुर्खियों में हैं।
बॉलीवुड में पिछले दिनों से हो रही नेपोटिज्म की चर्चा पर वह कहती हैं कि भोजपुरी इंडस्ट्री में नेपोटिज्म नहीं बल्कि गैंग सिस्टम हावी है। कनक पाण्डेय कहती हैं कि भोजपुरी इंडस्ट्री अभी तक नेपोटिज्म से अछूती है।
यह अच्छी बात है। लेकिन‚ यहां पर गैंग सिस्टम बहुत प्रभावी है। इंडस्ट्री में किसको रखना है‚ किसे नहीं रखना है। यहां बहुत चलता है। सुशांत राजपूत के मामले में वह कहती हैं‚ ‘मेरे दिमाग से अभी तक वो गया नहीं है।
जब भी सोशल मीडिया पर जाती हूं तो रोने लगती हूं। वो हमारे भोजपुर की शान था। उन्होंने हमें वो रास्ता दिखाया कि अगर आपमें टैलेंट है तो आप भी जा सकते हैं। नेपोटिज्म ने उन्हें खत्म किया।
मुझे कहीं से भी नहीं लगता कि उन्होंने सुसाइड किया है। मैं उनके बारे में पढ़ती हूं तो लगता नहीं की इतना टैलेंटेड बंदा सुसाइड कर सकता है। वर्कर तक से अच्छे से बात करता था। यह पूछने पर कि भोजपुरी इंडस्ट्री का चार्म कम हुआ है‚ इसका क्या कारण है।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो स्टोरी बनती है। उसका दर्शक मजदूर वर्ग है। बड़े लोग भोजपुरी को नहीं देखते क्योंकि उसमें रियल टच नहीं होता। ऐसी स्टोरी नहीं होती जो बांधे रखे‚ जैसे साउथ या अन्य फिल्मों में होता है।
हमारे यहां डांस‚ गाना और हीरोइन को नचा लिया बस यही फिल्म है। कोई कांसेप्ट नहीं है इसलिए लोगों को जोड़ नहीं पा रहे। इसके अलावा जो अच्छे लोग हैं उनको काम नहीं मिलता। स्टोरी भी अच्छी नहीं होती।