दो माह में साइबर क्राइम 200 फीसदी तेजी से बढ़ा

के० एस० टी०,मुम्बई/कोलकाता संवाददाता। प्रधानमंत्री कार्यालय में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी गुलशन राय ने कहा है कि पिछले दो माह में हैकिंग सहित साइबर घटनाओं में 200 फीसदी का इजाफा हुआ है, लेकिन इसके लिए चीन को दोष नहीं दिया जा सकता। इसके लिए उन्होंने कोरोना काल में सेवा क्षेत्र में वर्क फ्रॉम होम को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा कि लोग अंधाधुंध असत्यापित एप डाउनलोड कर रहे हैं, जो कि असुरक्षित हैं। दरअसल गलवां घाटी में हिंसक संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्ते बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस कारण भारत ने 59 चीनी एप पर रोक लगा दी। हालांकि राय ने कहा कि समर्पित एजेंसियां इसकी निगरानी कर रही हैं और साइबर अपराध को रोकने का काम भी कर रही हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने बनाया स्वदेशी मोबाइल स्कैनिंग एप
चीन के 59 एप पर लगी पाबंदी के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को स्वदेशी तकनीक से बना मोबाइल स्कैनिंग एप लॉन्च किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, यह देशभक्ति की पहचान है। जो बंगाल आज सोचता है वह बाकी दुनिया कल सोचती है।

सेल्फ स्कैन नामक इस एप को राज्य सूचना तकनीक विभाग ने बनाया है। इस एप से तमाम कागजात आसानी से स्कैन और एडिट किए जा सकेंगे। इसका डेटा किसी सर्वर की बजाय फोन में रहेगा। लिहाजा यह सुरक्षित भी है। इसे मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकेगा।

पूर्वी एशियाई आर्थिक चेन से दूर रहेगा भारत : चीनी
चीनी विशेषज्ञ का कहना है कि भारत पूर्वी एशियाई आर्थिक चेन में शामिल नहीं होगा। उनका कहना है कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) जैसे संगठनों पर भारत ध्यान नहीं देता। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार भारत ने वैसे किसी व्यापार समझौते में शामिल नहीं होने का फैसला किया है,

जिसमें चीन सदस्य हो। उल्लेखनीय है कि चीन से तनाव के बाद भारत ने 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया था, इससे दोनों देशों के रिश्ते और तल्ख हो गए हैं। इसके अलावा चीन निर्मित उत्पादों के बहिष्कार के अलावा चीनी कंपनियों को भारतीय परियोजनाओं से बाहर निकालने की खबर भी अखबार ने सोमवार को प्रकाशित की।

उसी के बाद चेंगदू इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स के अध्यक्ष लांग शिंगचुन ने अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि हालांकि चीन निर्मित उत्पादों के बहिष्कार से परोक्ष रूप से जापानी और कोरियाई कंपनियों को नुकसान होगा। क्योंकि चीन की सप्लाई चेन जापान और कोरिया से एक दूसरे से काफी करीब से जुड़े हुए हैं।

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