पहले दिन बारिश की शुरुआत में सहकारी संस्थाएं लबालब

के० एस० टी०,फतेहपुर संवाददाता। अव्यवस्थाओं से घिरे शहर में बारिश राहत की बजाय मुश्किलें लेकर आई है। पानी से सड़कें लबालब हो गईं और सरकारी संस्थाओं में निकासी व्यवस्था न होने से पानी भर गया। अधिकारी और कर्मचारी पानी को लांघते हुए आफिस तक पहुंचे। अफसरों के कार्यालय के सामने तक की खस्ताहाल सड़क पर बारिश का पानी भर गया और लोगों का निकलना मुश्किल हो गया।

टूटी सड़कों पर आम दिनों में चलना मुश्किल था अब बारिश के मौसम में तो यहां से गुजरने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। आवास से कार्यालय और कार्यालय से आवास के चक्कर लगाने वाले जिम्मेदार अफसर खुद सड़क पर नहीं दिख रहे हैं। शायद यही कारण है कि उन्हें जनता की परेशानी नजर नहीं आ रही है। शहर में अव्यवस्थाएं किस कदर हावी हैं.

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिजली पोल शिफ्ट कराए बिना खस्ताहाल वीआईपी रोड पर डिवाइडर बना दिया गया। किसी भी अफसर की पालिका की इस हरकत पर नजर तक नहीं पड़ी। तभी डिवाइडर के काम को रोका तक नहीं गया। यही मार्ग पर जिलाधिकारी के आवास तक जाता है। अब इस जर्जर मार्ग पर बारिश का पानी भर जाने से यहां से निकलना दुुश्वार हो गया है।

इसी तरह सीओ सिटी के कार्यालय के सामने की सड़क भी जर्जर होने से जलभराव का शिकार है। पत्थर कटा चौक रोड, वर्मा चौराहा से चौक रोड, बिंदकी बस स्टाप, कचहरी से पूर्वी गेट अस्पताल रोड ऐसे मार्ग हैं जहां से बारिश में निकलना मुश्किल है। सोमवार तड़के सावन की पहली बारिश ने इन मार्गों को जलमग्न कर दिया।

साथ ही सरकारी संस्थाएं भी जलभराव की चपेट में आ गईं। राजकीय बालिका इंटर कालेज के सामने नाला निर्माण होने के बावजूद जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। यहां पर पूरे बारिश के मौसम में जलभराव रहता है। शिक्षकों और छात्राओं के आने जाने के लिए बनी सीसी सड़क पर अक्सर जहरीले कीड़े घूमते रहते हैं। ऐसे में छात्राओं और शिक्षकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बांदा टांडा मार्ग के किनारे खुशवक्त रायनगर में क्रयविक्रय समिति का कार्यालय है। यहां से हर महीने सरकारी राशन का वितरण होता है। इस तरह से सैकड़ों की संख्या में कार्ड धारक महिला, पुरुष बच्चे आते रहते हैं। जलभराव हो जाने के कारण कार्यालय के अंदर जहरीले कीड़े बसेरा बना लेते हैं। ऐसे में यहां से जुड़े कार्डधारकों की सुरक्षा को खतरा बना रहता है।

शहर की सबसे पुरानी शिक्षण संस्था एएस इंटर कालेज ज्वालागंज है। कालेज परिसर में हर साल बारिश का पानी भर जाता है। अभी कोई खास बारिश नहीं हुई है, लेकिन अभी से परिसर में जलभराव हो गया है। शासन ने सिर्फ स्टाफ के लिए संस्था खोली है। जीटी रोड से कालेज की पोर्टिको तक शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मचारियों को पानी में घुसकर जाना पड़ रहा है।

इसकी परवाह नगर पालिका को नहीं है। यह संस्थान तो बानगी के तौर पर हैं। जलभराव की समस्या राजकीय इंटर कालेज, आईटीआई, महिला महाविद्यालय, महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भी गंभीर है। शहर में जलनिकासी की समस्या बहुत ही गंभीर है। इसका स्थायी निराकरण सीवर लाइन निर्माण से ही संभव है। बारिश में जहां भी जलभराव होता है, वहां पर पंपिंगसेट लगाकर जलनिकासी कराई जाती है।

अभी तक कोई खास जलभराव की समस्या नहीं है।- मीरा सिंह ईओ, नगर पालिका फतेहपुर हफ्ताभर बाद जिले में हुई बारिश ने उमस भरी गर्मी से राहत दिला दी। अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आगे 3-4 दिन तक बारिश होने की संकेत दिए हैं। सोमवार की सुबह रुक-रुक कर जिले भर में करीब एक घंटे बारिश हुई। इससे शहर की सड़कों में पानी भर गया।

हफ्ताभर से उमस भरी गर्मी जेल रहे लोगों को निजात मिल गई। कृषि विज्ञान केंद्र थरियांव के मौसम विशेषज्ञ सचिन कुमार शुक्ला ने बताया कि हवा में 83 फीसदी नमी आई है। अधिकतम तापमान 36 डिग्री से लुढ़क कर 33 डिग्री पहुंच गया और न्यूनतम पारा 27 डिग्री से 24 डिग्री रिकार्ड किया गया।

मौसम विशेषज्ञ ने कहा कि इधर मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। इस सप्ताह में लगातार बारिश होने की संभावना है। जिन किसानों को धान की रोपाई करनी है। वह अपनी तैयारी पूरी कर लें।

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