लॉकडाउन में सड़क किनारे सजी रही मिठाई व राखी की दुकानें

के० एस० टी०। रक्षाबंधन के लिए लॉकडाउन में व्यापारियों को छूट दी गई तो उन्होंने अपनी दुकानें सजाई। बहनों ने भाइयों के लिए पसंदकर राखी खरीदी तो मिठाई की भी खरीदारी की गई। बच्चों ने कार्टून वाली राखी पसंद की।

रविवार को लॉकडाउन था, लेकिन त्योहार के कारण मिठाई व राखी की दुकानों को खोलने का आदेश दिया गया था। दुकान खोलने का मौका पाकर मिठाई दुकानों में रक्षाबंधन के लिए मिठाई तैयार की जाती रही।

इसके अलावा जगह-जगह राखी की दुकानें भी खुली रहीं। बच्चों के लिए डोरेमॉन, छोटा भीम, लिटिल सिघम व मिक्की माउस की राखी थी, राखी 10 रुपये से लेकर 20 रुपये तक में बिकी। सिकंदरा, अकबरपुर, रसूलाबाद, भोगनीपुर, शिवली, रूरा, झींझक व सरवनखेड़ा में हर जगह बाजार में राखी व मिठाई की दुकान खुली।

पहले की तरह इस बार त्योहार में उत्साह नहीं दिखा। राखी तो लोगों ने खरीदी, लेकिन मिठाई का व्यापार आधा हो गया। मिठाई दुकानदार विनय गुप्ता, शिवम गुप्ता, दीपू साहू, अनिल यादव व अजय ने बताया कि इस बार हम लोगों ने आधा ही माल तैयार किया है। लोगों ने मिठाई की खरीदारी कम की है,

हम लोगों ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए मिठाई कम तैयार की है। लोग बर्फी व रसगुल्ला ज्यादा खरीद रहे हैं। दुकानदारी के साथ ही सुरक्षा का भी ध्यान रखेंगे। जरकन मोतियों की राखी आई पसंद दुकानों में जरकन मोतियों की राखी को बहनों ने पसंद किया। यह राखी 150 से 200 रुपये तक बिकी।

रंगबिरंगे मोतियों से सजी राखी देखने में आकर्षक लग रही थी। दुकानदारों ने बताया कि यह राखी महंगी भले हो,लेकिन बहनों ने काफी खरीदा है। चायनीज राखी हुई बाजार से बाहर इस बार लोगों की दुकानों में चायनीज राखी नजर नहीं आई।

ज्यादातर भारतीय कंपनियों की ही राखी दुकानों में सजी थी।दुकानदार आशीष शर्मा व अंकित ने बताया कि चायनीज राखी कोई ले नहीं रहा, इसे ध्यान में रखकर ही दुकान लगाई है। बीते साल की चायनीज राखी सब बेकार हो गई। 

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