कोविड-19 की महामारी कोरोना संक्रमण से बेलगाम दिल्ली के हालात भले ही सुधर चुके हो किन्तु अभी मजदूरों की नगरी कहलाई जाने वाली मेट्रो सिटी कानपुर से आकस्मिक रूप से जिस तरह से महामारी में आकस्मिक मौतों की बाढ़ आई है।
उससे शासन-प्रशासन का चौकना वाकई में स्वाभाविक था। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कानपुर में सोमवार को आगमन सिर्फ यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेना था। जिसमें स्वास्थ्य विभाग पर गाज गिरनी तय मानी जा रही थी। पहले ही शहर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गणेश शंकर विद्यार्थी,
मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष लापरवाही के चलते हटाये जा चुके हैं। आपको बताते चलें कि कानपुर में फैले संक्रमण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद चिंतित हैं। उन्होंने समूचे कि समूचे प्रदेश की स्वास्थ्य महकमे के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भेजी ताकि स्थित नियंत्रण में की जा सके।
उसके बावजूद मौतों का आंकड़ा जिस तेजी से बढ़ा है। उससे भगदड़ मच गई है। गैर सरकारी कार्यालयों, बाजारों में कार्यरत दूसरे राज्यों के मजदूरों में फिर से अपने घर जाने की भगदड़ मच गई है। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं।
ऐसे में जिला प्रशासन में खलबली मची है कि आखिर वह इन हालातों में क्या करे। इस शहर के यही हालात रहे तो स्थितियां बेहद विकराल होंगी। लिहाजा यहां के हालातों पर तत्काल ही नियंत्रण आवश्यक है। हालांकि मुख्यमंत्री इस मामले में बड़े संजीदा है।