के० एस० टी०, कानपुर।आने वाले समय में मेमू कानपुर की लाइफ लाइन होगी। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। न्यू कोचिग कांप्लेक्स लोको के पीछे मेमू कार शेड के तैयार होते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। अभी मेमू ट्रेनों को मेंटीनेंस के लिए गाजियाबाद भेजा जाता है जहां से वापस आने में ही ट्रेनों को तीन से पांच दिन लग जाता है।
ऐसे में कई बार ट्रेनें निरस्त करनी पड़ती हैं जिससे यात्री परेशान होते हैं। लखनऊ, चित्रकूट, इटावा समेत अन्य जगहों के लिए अप-डाउन में 18 मेमू ट्रेनें चलाई जा रही हैं। नियम के मुताबिक एक चक्कर पूरा करने के बाद ट्रेनों का मेंटीनेंस किया जाता है। कानपुर में मेमू कार शेड न होने से ट्रेनों को गाजियाबाद के कछियाना मेंटीनेंस के लिए भेजा जाता है।
वहां से वापस आने में ही इन ट्रेनों को तीन से पांच दिन लग जाते हैं। इससे समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद होती है। चूंकि रोजमर्रा का सफर करने वाले छोटी दूरी के यात्रियों के लिए मेमू ट्रेनें कारगर साबित हुई हैं। ऐसे में अब रेलवे मेमू ट्रेनों को कानपुर की लाइफ लाइन बनाने पर काम कर रहा है। मेमू कार शेड के तैयार होते ही टूंडला,
अलीगढ़ समेत अन्य जगहों के लिए भी मेमू शुरू की जाएगी। 130 करोड़ से बनेगा मेमू कार शेड न्यू कोचिग कांप्लेक्स के पीछे करीब 15 एकड़ जमीन पर करीब 130 करोड़ रुपये से मेमू कार शेड का निर्माण होगा। इसमें 360 मीटर की दो लाइनें होंगी। एक वाशिग लाइन, दो इंस्पेक्शन लाइन, दो हैवी रिपेयर लाइन, दो स्टेबलिग लाइन के साथ कवर्ड सर्विस शेड होगा।
कोचों के रखरखाव की सुविधा भी होगा। फरवरी 2021 तक काम पूरा होने का लक्ष्य दिया गया है। मेमू कार शेड प्राकृतिक बिजली से रोशन होगा। इसके लिए शेड की छत पर 75 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया जाएगा। इससे पैदा होने वाली ऊर्जा का शेड और कार्यालयों के बिजली पंखे के साथ अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों में प्रयोग किया जाएगा।