प्लेयर्स के टैलेंट हंट-ट्रेनिंग में एआई बना मददगार

◆ एआई की मदद से खिलाड़ी की चोट का अनुमान मिल पा रहा है
◆ इससे गेंद को किक और पास करने की फ्रीक्वेंसी तक पता चलती है

न्यूयॉर्क, माइक्रोसॉफ्ट के सीनियर मैनेजर जैफ एल्गर नेे नौकरी छोड़कर स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री हासिल की। फिर उन्होंने सिएटल स्पोर्ट्स साइंस नामक कंपनी शुरू की, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से खिलाड़ियों की प्रतिभा का आंकलन करती और फिर ट्रेनिंग देती। इसका एआई सिस्टम बनाने वाले आर्किटेक्ट जॉन मिल्टन कहते हैं। हमारी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी आईएसओ टेक्ने है। इसकी मदद से खिलाड़ियों के स्किल, उनकी निरंतरता के अलावा कौन खिलाड़ी किस तरीके से गेंद को पास करता है, उस दौरान उसकी फ्रीक्वेंसी क्या रहती है, यह सब पता चल जाता है। इसके अलावा टीम के डिफेंस की जानकारी भी मिल जाती है। यहां तक कि यह सिस्टम गेंद के घूमने की स्पीड और उसका रोटेशन भी बताता है।

ए.आई के जरिए खिलाड़ी की क्षमता के अनुसार वैल्यू तय हो रही है आईएसओ टेक्ने क्लाउड बेस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम है। बड़े प्रोफेशनल फुटबॉल क्लब सिर्फ मैदान पर ही इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करते। वे खिलाड़ियों के ट्रांसफर के दौरान भी एआई का प्रयोग करते हैं। वे इस टेक्नीक की मदद से उनकी क्षमता के अनुसार वैल्यू तय करते हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई फुटबॉलर थोड़ा कम प्रतिभाशाली है, लेकिन उसकी कॉर्नर किक व फ्री किक की क्षमता सर्वश्रेष्ठ है और कोच वैसा ही खिलाड़ी अपनी टीम में चाह रहा है तो एआई उसकी इस काम में मदद करता है।

20 सेकंड में जंपिंग और बैलेंसिंग का टेस्ट कर लेता है
आईएसओ टेक्ने के 2विक्टा ट्रेनिंग सिस्टम में ऐसा प्रोग्राम फीड किया गया है, जिसके जरिए गेंद को 10 से 76 मील प्रतिघंटे की स्पीड से 75 यार्ड तक फेंका जा सकता है। इसमें गेंद की दूरी और उसके घूमने की गति पता चलती रहती है।

यह खिलाड़ी और गेंद के मूवमेंट के आधार पर रियल टाइम एनालिसिस करता है, डेटा स्टोर भी करता है

यह टेक्नोलॉजी बता सकती है कि खिलाड़ी ने गेंद को किक करते समय पहली बार कब टच किया।
सिस्टम खिलाड़ी को एडवांस स्किल सिखाता है जैसे साइड वॉली या फिर शोल्डर से बैलेंसिंग।
इसमें आप डेटा को सुरक्षित रखकर बाद में भी एनालिसिस कर सकते हैं।

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