बल खंडेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित रमेश चंद दीक्षित से विशेष बातचीत

◆ कोरोना वायरस महामारी से जीते
◆ शासन प्रशासन का लाभ डाउन में सहयोग करें
◆ भगवान शिव के सामने राम कथा की दिली इच्छा
◆ आपातकाल में ढूंढ कर गरीबों की झोपड़ियों में पहुंचाया खाना

कानपुर, संवाददाता। कोरोना वायरस जैसी आकस्मिक आपातकाल में हम एक है कि जिस तरह की नजीर कानपुर की सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने पेश की वह अपने आप में शहर वासियों की लम्बे समय तक जुबानी होगी। ऐसी ही एक धार्मिक संस्था बलखंडेश्वर मंदिर समिति के पंडित रमेश चन्द्र दीक्षित ने इस आपात काल मे जिस तरह से बढ़ती उम्र को नजरदांज कर जो हौसला दिखाया है। उससे संगठन में काम करने वाले युवाओं ने खाना बनवाने से लेकर बटवाने तक में संस्था का जो नाम शीर्ष संस्थाओं में पहुंचाया है। उससे संस्था के अध्यक्ष पंडित दीक्षित सुर्खियों में है। मंदिर समिति में चर्चा है कि जब से पंडित रमेश चन्द्र दीक्षित ने संगठन में अध्यक्ष की कमान संभाली है। तब से मंदिर का पुनरोद्धार तो हुआ ही है साथ ही धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के कार्यों में बाढ़ सी आ चुकी है। कोरोना वायरस के इस आपातकाल में पंडित रमेश चन्द्र दीक्षित ने अपने निजी पैसे से गरीबों की एक सेवा रसोई अपने घर पर स्थापित कराई बल्कि खुद ही इस लंच के वितरण के लिए शहर की छोटी-छोटी मलिन बस्तियों में इधर-उधर घूमते रहे। जिससे उनकी शोहरत निरंतर बढ़ती ही जा रही है। उम्र के इस पड़ाव में उनके हौसले को सलाम करते हुए कानपुर स्टार टाइम ने श्री दीक्षित से उनसे बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश :-

प्र०- बलखंडेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष कब बने?
उ०- तीन साल से हूं।

प्र०- इस कार्यकाल में मंदिर में प्रमुख रूप से क्या कार्य हुए?
उ०- जर्जर मंदिर के भागो का जीणोद्वार हुआ हाल बनवाया डेंटिग, पैंटीग, पुताई के साथ एक ऐसा शटल लगवाया जो मंदिर को पूरी तरह से ढ़क ले।

प्र०- हाल की स्थापना का उद्देश्य क्या है?
उ०- महिलाओं की सत्संग के साथ गरीब कन्याओं की शादी दूरदराज से सिद्ध पीठ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने की नि:शुल्क व्यवस्था की जाती है।

प्र०- सिद्ध पीठ मंदिर में प्रमुख धार्मिक कार्यक्रम कौन-कौन से होते हैं?
उ०- श्रावण मास में पूरे माह खासतौर से सोमवार को पूजा अर्चना सत्संग महाआरती प्रसाद वितरण, भंडारा, गणेश उत्सव, सुन्दर कांड तो प्रमुख है।

प्र०- इसके अलावा आप जिस धार्मिक कार्यक्रम को कराने की सोच रहे हो पूजा न हो पा रही हो?
उ०- भगवान शिव के सामने विशाल राम कथा कराने का मुख्य उद्देश्य है।

प्र०- भक्तों की ओर से कराए जाने वाले प्रमुख धार्मिक कार्यक्रम में?
उ०- रुद्राभिषेक, भंडारे के आयोजन समय-समय पर भक्त जनों के माध्यम से होते रहते हैं।

प्र०- इसके अलावा मंदिर में विशेष?
उ०- गर्मियों में पेयजल के लिए ठंडे पानी की टंकी चालू हो जाती है।

प्र०- इस बार नवरात्र से पूर्व से मंदिर बंद है।
उ०- पहली बार मंदिर से जवारा नहीं उठा। वरना हर साल विशाल जवारा निकलता था। जिसमें टोपी दक्षिणा आदि मंदिर समिति बांटती थी।

प्र०- कोरोना वायरस की महामारी में जो आप भोजन, कच्चा अनाज , फल वितरण कर रहे हैं? क्या मंदिर समिति की ओर से है?
उ०- नहीं यह दिन भर का कई दिनों से यह भंडारा मैं अपने निजी पैसों से करा रहा हूँ।

प्र०- कहां-कहां वितरण कर रहे हैं?
उ०- शहर की छोटी बड़ी मलिन बस्तियों से लेकर प्रमुख जरीब चौकी चौराहा, पी० रोड इसके पूर्व झकरकटी बस स्टैंड, विजय नगर, काली मठिया आदि में वितरण हो रहे हैं।

प्र०- जनता व भक्तजनों को समाचार पत्र के माध्यम से विशेष संदेश:-
उ०- कोरोना वायरस भयावहता पर शासन-प्रशासन के निर्देशों का पालन करके इस लड़ाई में जीत हासिल की।

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