के० एस० टी०,कानपुर। सेंट्रल स्टेशन सिटी साइड पर यात्रियों के सामान को सैनिटाइज करने के लिए तीन दिन पहले लगेज सैनिटाइज मशीन व रैपिंग मशीन लगायी थी। यहां से सामान को सैनिटाइज कराने के लिए यात्रियों को दस रुपये का भुगतान करना होगा जबकि सामान की रैपिंग के लिए 50 रुपये देने होंगे।
ऐसे में रेलवे ने इस सेवा को यात्रियों की इच्छा पर रखा है लेकिन यहां हो इसके विपरीत रहा है। मशीन संचालक के साथी यात्रियों को जबरिया पकड़ कर मशीन तक लाते हैं। दस रुपये की रसीद काटकर उनका सामान सैनिटाइज कराते हैैं।
एक व्यक्ति के पास अगर तीन बैग हैं तो उससे तीस रुपये वसूले जा रहे हैं। शुक्रवार को कानपुर स्टार टाइम की पड़ताल में यह खुलासा हुआ। ये तीन मामले इसकी बानगी का हिस्सा हैं…।
केस-1:-आगरा के दिगनेर गांव के शिवचरन को आनंद विहार भुवनेश्वर त्योहार स्पेशल से कटक जाना था। सिटी साइट से वह सेंट्रल स्टेशन पर प्रवेश कर रहे थे.
तभी एक व्यक्ति उन्हें लगेज सैनिटाइजेशन मशीन के पास लेकर गया। दस रुपये लेकर उनका सामान सैनिटाइज करने के बाद ही उन्हें जाने दिया गया।
केस-2:-मऊरानीपुर के अरङ्क्षवद को झांसी जाना था। उन्हें भी एक व्यक्ति सामान सैनिटाइज कराने के लिए मशीन के पास ले गया। दस रुपये लेकर उनका सामान सैनिटाइज करने के बाद उसे आगे जाने दिया गया।
केस-3:-उन्नाव के रज्जन अपने परिवार के साथ अहमदाबाद जा रहे थे। उनके पास अलग-अलग पांच सामान थे। प्रत्येक को सैनिटाइज करने के लिए दस रुपये की दर से चार्ज किया गया।
रज्जन ने कहा, हम मजदूर हैं, कम पैसे ले लीजिए। हालांकि इसे सरकारी व्यवस्था बताकर पैसे की वसूली की गई।
जांच कराकर होगी कार्रवाई: स्टेशन पर वसूली की के मामले पर डिप्टी सीटीएम हिमांशु कुमार उपाध्याय ने कहा कि जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।
बुक बैगेज डॉट काम को दिया गया है ठेका: जो यात्री निजी तौर पर अपने सामान को सैनिटाइज कराना चाहते हैं, उनके लिए यह व्यवस्था शुरू की गई थी। इसका ठेका गुडग़ांव के बुक बैगेज डाट काम के चंचल घोष को दिया गया है।
यहां इसका संचालन अजय कुमार और अखिलेश श्रीवास्तव कर रहे हैं। अजय से पूछने पर उन्होंने बताया यात्रियों को पकड़कर नहीं बल्कि जानकारी देने के लिए यहां लाया जा रहा है।