किसानों के मुद्दे पर भड़कीं हिमांशी खुराना

किसान आंदोलन को लेकर सेलिब्रिटीज के बीच शुरू हुई जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, किसानों के समर्थन और विरोध में खड़ी हस्तियों के बीच का विवाद अब स्पष्ट नजर आ रहा है। देसी और विदेशी सेलिब्रिटीज के बीच शुरू हुए इस विवाद में अब आंतरिक मनमुटाव भी सामने आ रहे हैं।

इसी बीच शुरूआत से ही प्रदर्शन कर रहे किसानों को आतंकवादी करार देने वाली कंगना और पंजाबी सिंगर हिमांशी खुराना का विवाद एक बार फिर चर्चा में है। किसान आंदोलन को लेकर सेलिब्रिटीज के बीच शुरू हुई जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, किसानों के समर्थन और विरोध में खड़ी.

हस्तियों के बीच का विवाद अब स्पष्ट नजर आ रहा है। देसी और विदेशी सेलिब्रिटीज के बीच शुरू हुए इस विवाद में अब आंतरिक मनमुटाव भी सामने आ रहे हैं। इसी बीच शुरूआत से ही प्रदर्शन कर रहे किसानों को आतंकवादी करार देने वाली कंगना और पंजाबी सिंगर हिमांशी खुराना का विवाद एक बार फिर चर्चा में है।

बिग बॉस 13 फेम पंजाबी गायिका हिमांशी खुराना किसानों के समर्थन में खड़ी हैं। उन्होंने हॉलीवुड सिंगर रिहाना को भी इस आंदोलन के लिए आवाज उठाने पर धन्यवाद किया था। अब उन्होंने इसका विरोध करने के कारण कंगना रणौत पर हमला बोला है। हिमांशी ने पंजाबियों की छवि को गलत तरह से पेश करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की है।

उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कंगना पर निशाना साधा है। बता दें कि हिमांशी और कंगना का यह विवाद नया नहीं है। उनके बीच लड़ाई ऐसी है कि कंगना ने हिमांशी को सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट से ब्लॉक भी किया हुआ है। हिमांशी ने कंगना का नाम लिए बिना ही लिखा कि चलो मान लिया कि अपने मुद्दों पर बाहरी लोग हस्तक्षेप न करें,

लेकिन अपने देश के ही कुछ कथित सेलिब्रिटीज किसानों को ‘आतंकवादी’ बोलकर देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं….तब क्यों नहीं दिखाई देता। हिमांशी ने आगे लिखा कि हमें आतंकवादी बोलकर देश के सुरक्षाबलों का भी मजाक उड़ा रहे हैं। इनके तर्क तो देखिए, हमारे सुरक्षाबलों के होते हुए देश में इतने सारे आतंकी कैसे मौजूद हैं!

पंजाबियों की छवि खराब करने को लेकर हिमांशी ने लिखा कि ये जो बार बार पंजाबियों को आतंकी बोल रहे हैं, इसकी गूंज कहां तक जाएगी कभी सोचा है? पूरी दुनिया हमें एक बुरी नजर से देखेगी। आने वाली पीढ़ी को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा ये क्यों नहीं सोचते। अपने मतलब के लिए एक कौम पर प्रश्न चिन्ह लगा दो…क्यों?

उन्होंने लिखा कि देश हमारा भी है। इसके लिए हम हमेशा खड़े रहे हैं, लेकिन विभाजन का काम तो पहले आप लोगों ने शुरू किया। चलो मान लें कि पूरे देश में से एक हम ही ऐसे राज्य हैं जिनकी इन कानूनों को लेकर असहमती है, तो क्या हम नहीं बोलें?

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