शहर में जहरीली हवा में सांस ले रहे लोग

के० एस० टी०,भोपाल। देश के सबसे स्वच्छ शहर के लोग सबसे अधिक जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं, जिसके चलते लोगों में सांस और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश का शहर इंदौर पिछले चार साल से लगातार भारत का सबसे स्वच्छ शहर होने का तमगा हासिल करता आया है,लेकिन राज्य के बड़े शहरों में इंदौर की हवा सबसे अधिक प्रदूषित है,

जबकि ग्वालियर की हवा सबसे अधिक साफ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश के चार बड़े शहरों में पिछले एक साल में हवा में मौजूद प्रदूषण के स्तर में बदलाव के बारे में बताया है। बोर्ड के अनुसार, शुक्रवार को ग्वालियर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 103 और भोपाल का 133 था। वहीं, जबलपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 142 और इंदौर का 151 था।

राजधानी की हवा में नहीं है कोई सुधार 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों में बताया गया है कि बीते एक साल में प्रदेश की राजधानी भोपाल में वायु प्रदूषण के स्तर में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन जबलपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स पहले से और बदतर हो गया। लोगों के लिए राहत की बात यह है कि ग्वालियर का एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहतर हुआ है। सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने वाला शहर इंदौर में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद चिंताजनक बना हुआ है।

इन शहरों की हवा साफ हुई 

26 फरवरी, 2020 को भोपाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स 139 था, जो अब 133 हो गया है। एक साल पहले इंदौर में इसका स्तर 176 था, जो अब कम होकर 151 हो गया है। सबसे ज्यादा कमी ग्वालियर की एयर क्वालिटी इंडेक्स में आई है। फरवरी, 2020 में ग्वालियर में वायु प्रदूषण का स्तर 188 था, जो अब कम होकर 103 रह गया है। वहीं, जबलपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स एक साल में 118 से बढ़कर 142 हो गया।

बता दें कि इंदौर को लगातार चौथे साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया था। इंदौर के बाद स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2020 में दूसरा स्थान सूरत और तीसरा स्थान नवी मुंबई को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को ‘गंगा किनारे बसा सबसे अच्छा शहर’ घोषित किया गया है। इस सूची में वाराणसी के बाद कानपुर, मुंगेर, प्रयागराज और हरिद्वार हैं।

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