दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिशासूचक बोर्ड के नाम पर खानापूर्ति

के० एस० टी०,गाजियाबाद संवाददाता। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) जनता के लिए खुल चुका है। करीब 81 किमी के एक्सप्रेसवे ने जाम के झंझट से मुक्ति दिला दी है। लेकिन दिशासूचक राहगीरों को रास्ता दिखाने में फेल साबित हो रहे हैं। छह साल में तैयार हुए एक्सप्रेसवे पर दिशासूचक बनाने में चूक हो गई है। इसका खामियाजा यात्रियों को भटककर भुगतना पड़ रहा है।

गलत साइड से लौटने पर वाहन चालक हादसे का खतरा उठा रहे हैं। तात्कालिक इंतजाम में जो दिशासूचक लगाए हैं, वह छोटे हैं। रफ्तार में उनको देख पाना मुश्किल है। शुक्रवार को भी हापुड़ की ओर जाने वाले बड़ी संख्या में वाहन चालक भ्रम की स्थिति के चलते मेरठ वाले सेक्शन पर चढ़ गए। फिर विपरीत दिशा में लौटे। एनएचएआई ने डासना पर दोनों सेक्शन के एंट्री प्वाइंट और उससे 100 मीटर पहले.

टोल बूथ के पास डिवाइडर पर दो छोटे दिशासूचक पोस्टर चिपका दिए हैं। ऊंचाई की जगह दिशासूचक पोस्टर सड़क पर रखे डिवाइडर पर चिपके होने और उनका साइज छोटा होने के चलते वह 100 की रफ्तार से आने वाले वाहन चालकों को दिखाई नहीं दे पा रहे हैं। जिस कारण भ्रम के चलते हापुड़ की ओर जाने वाले वाहन मेरठ रूट पर चढ़ जा रहे हैं। वहीं फिर विपरीत दिशा में तेज गति से आते वाहन हादसे का कारण बन सकते हैं।

लोगों ने बताया कहां है जाना 

डीएमई के डासना से मेरठ के चौथे चरण और डासना से हापुड़ के तीसरे चरण के एंट्री प्वाइंट पर दिशासूचक बोर्ड की कमी से एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार को अजीब स्थिति देखने को मिली। मार्ग के बारे में स्पष्टता न होने के.

कारण तमाम वाहन चालक एक्सप्रेसवे के बीच में ही अपने वाहन रोककर मेरठ और हापुड़ रूट की जानकारी लेते हुए दिखाई दिए। इस बीच उनके बराबर से 100 किमी की रफ्तार से वाहन गुजर रहे थे। ऐसे में एक्सप्रेसवे पर जल्द दिशासूचक बोर्ड संबंधी समस्या का समाधान होना जरूरी है।

इंटरचेंज पर दिक्कत

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर मेरठ को जाने वाले चौथे चरण के खुलने से लोगों को राहत मिली। लेकिन चौथे चरण पर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर बने डीएमई के लूप पर शुक्रवार को भी प्रवेश बंद होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। एक्सप्रेसवे के ईस्टर्न पेरफिरेल पर उतरने वाले लूप को ट्रैफिक पुलिस ने सीमेंट के अवरोधक लगाकर बंद कर दिया था।

ऐसे में लूप के जरिए सोनीपत या फिर दुहाई जाने वालोें को परेशानी का सामना करना पड़ा। लूप के सभी प्रवेश व निकास प्वाइंट के बंद होने से लोगों को लौटकर दिल्ली-मेरठ हाईवे का रास्ता तय करना पड़ा। एकाएक लूप के प्रवेश-निकास प्वाइंट के बंद करने का कोई कारण नहीं बताया गया।

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