क्रय केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटा की कमी‚ गेहूं ड़ंप
04 Jun
के० एस० टी०,(सरसौल) संवाददाता।सरकार के लाख निर्देश व दावे के विपरीत स्थित यह है कि सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों का हजारों कुंतल गेहूं केवल इसलिये ड़ंप पड़ा है कि वहां मापक यंत्र इलेक्ट्रॉनिक कांटा की कमी है। जिसके कारण किसानों को अपनी बारी आने के इंतजार में 10-10 घंटे तक इंतजार के करना पड़ रहा है।
किसानों का सामूहिक रूप से कहना है कि यदि इसी तरह की स्थित बनी रही तो क्रय केंद्रों पर ड़ंप पड़ा गेहूं बारिश के मौसम में भीग कर खराब हो जाएगा और किसान बे–मौत मारा जाएगा। गुरुवार को कानपुर स्टार टाइम के संवाददाता ने नर्वल तहसील क्षेत्र अंतर्गत विकास खंड़ सरसौल के सुभाउली स्थित सरकारी गेहूं क्रय केंद्र की पड़ताल की तो दंग रह गया।
केंद्र में चारों तरफ लगभग एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉलियों में गेहूं लदा था। किसानों ने सामूहिक रूप से बताया कि क्रय केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक कांटा केवल एक ही होने से नम्बर आने में 10 से 12 दिन तक लग जाता है। इस समस्या के निदान के लिये विभागीय अधिकारी या जिला प्रशासन बिल्कुल रुचि नहीं ले रहा है क्रय केंद्र में कम से कम.
एक और इलेक्ट्रॉनिक कांटा उपलब्ध करा दे तो समस्या का हल हो जाएगा। किसानों ने यह भी कहा कि यदि शीघ्र ही कांटे की व्यवस्था नहीं की गई तो केन्द्र में पड़ा किसानों का हजारों कुंतल गेहूं बारिश में बर्बाद हो जाएगा। केंद्र प्रभारी सुषमा द्विवेदी ने बताया कि इलेक्ट्रनिक कांटा की कमी के वाबजूद इस केंद्र में लगभग दो सौ किसानों का.
लगभग 9 हजार कुंतल गेहूं क्रय किया जा चुका है‚ लेकिन यदि एक और कांटा उपलब्ध हो जाये तो निर्धारित समय से पहले ही गेहूं क्रय किया ही जा सकता है। उन्होंने गेहूं क्रय की व्यवस्था में समय–समय पर होने वाले बदलाव व नियमों के कारण भी गेहूं क्रय करने में दिक्कत आ रही है। वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक मशीन में किसान का.
लगने वाला अंगूठा केवल एक बार ही स्वीकार कर रहा है । जिससे यदि किसान दो बार में गेहूं लाता है तो उससे दिक्कत हो रही है। श्रीमती द्विवेदी ने यह भी बताया कि प्रतिदिन लगभग तीन सौ कुंतल की खरीद हो पाती है। बहरहाल कुछ भी हो यदि इसी प्रकार की व्यवस्था जिला प्रशासन की रही तो किसानों का गेहूं क्रय केन्द्र पर बारिश के मौसम में बर्बाद होना तय है।