आजमगढ़ में विनाश करने पर तुली घाघरा, साहब लगा रहे कैमरा

◆ सीसी कैमरे से नदी की कटान की निगरानी का दावा

◆ नहीं थम रहा कृषि भूमि के विलीन होने का सिलसिला

◆ जलस्तर का गेज नोट कर अधिकारी बजा रहे चैन की बंशी


के० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। जनाब आज तक तो घाघरा की विनाशलीला से देवारा क्षेत्र को बचाने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किया जा सका, लेकिन अबकी बार उसकी विनाशलीला सीसी कैमरे में कैद करने का दावा जरूर किया जा रहा है।हकीकत यह है कि जलस्तर कम होने के बाद भी नदी खेतों के विनाश पर तुली है। ग्रामीणों के बीच से उठने वाले का सवाल का जवाब किसी के पास नहीं कि आखिर समय रहते गांगेपुर के पास तीन ठोकरों का निर्माण पूरा क्यों नहीं हो सका।

धन भी आया और तहसील से लेकर ऊपर के अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया, लेकिन अंत वही हुआ जो सरकारी योजनाओं का होता है। आज हालत यह है कि निर्माण से पहले ही ठोकर का अस्तित्व नदी की धारा में बह रहा है। अब जिम्मेदारों की जिम्मेदारी को देखें तो पता चलता है कि वह नदी का जलस्तर नोट करके चैन की बंशी बजा रहे हैं। उन्हें शायद पता ही नहीं कि नदी का जलस्तर कम होने के बाद कटान की गति और भी तेज हो जाती है।

कृषि भूमि हर दिन नदी की धारा में विलीन हो रही है। यहां तक कि गांवों को बचाने के लिए बनाए जाने वाले ठोकर को भी नदी अपने मुख्य धारा में विलीन करती जा रही है। कृषि योग्य भूमि व रिग बांध भी नदी की आगोश में समाते जा रहे हैं। परसिया व गांगेपुर के किसानों की लगभग 100 बीघा कृषि योग्य भूमि अब तक धारा में समा चुकी है। सदानंद, राजेश, सतिराम, राम बचन, रामकेवल, रामानंद, रामकरण, लाल बचन, राम नारायण, हरि राम, भजो राम, योगेंद्र, विजेंद्र, जितेंद्र,

राम नयन, परमहंस, राम नरेश, रामलाल आदि किसानों का कहना है कि अब तो अनाज के भी लाले पड़ जाएंगे।गन्ने की मिठास तो बहुत दूर की बात है। उधर बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता दिलीप कुमार का कहना है कि सीसी कैमरे पहले से लगे थे, लेकिन अब पहले के स्थान से हटाकर पुराने गांगेपुर रिग बांध के पास लगाया गया है। घाघरा नदी के जलस्तर में लगाकर कमी दर्ज की जा रही है। सोमवार शाम चार बजे डिघिया नाले के पास 69.25 से कम मंगलवार को 68.95 मीटर दर्ज किया गया।

यहां खतरा बिदु 70.40 मीटर है।बदरहुआ गेज पर सोमवार शाम चार बजे 69.88 मीटर से कम मंगलवार को 69.54 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां खतरा बिदु 71.68 मीटर है। इस प्रकार डिघिया नाले पर 30 सेमी और बदरहुआ गेज पर 33 सेमी की कमी दर्ज की गई।

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