के० एस० टी०,गाजीपुर संवाददाता। जिले को पड़ोसी राज्य बिहार से जोड़ने वाले 38.600 किमी बारा मार्ग के निमार्ण का टेंडर वर्ष तत्कालीन सपा की सरकार में वर्ष 2016 में ही हुआ था। उस समय इसको लेकर इतनी हीलाहवाली हुई कि कार्य बहुत विलंब से शुरू हुआ। इसे बनाने में पूरे दो वर्ष लग गए। उस समय काफी विरोध-प्रदर्शन भी हुआ था।
12 से अधकि हैं पुलिया, सभी क्षतिग्रस्त
बारा मार्ग पर करीब 12 से अधिक पुलिया का निर्माण किया गया है। इसमें इतना घटिया सामाग्री का प्रयोग किया गया है कि सभी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पुलिया के पास पहुंचने से पहले ही आगाह कर दिया जाता है कि पुलिया क्षतिग्रस्त है धीरे चलें। यह बोर्ड लगे भी करीब एक वर्ष से अधिक का समय हो गया, लेकिन अभी तक मरम्मत नहीं हुई।
पटरी पर जमा हो गई है मिट्टी
ताड़ीघाट से लेकर बारा तक सड़क के किनारे पटरी का निर्माण भी जैसे-तैसे कर दिया गया है। हालत अब ऐसी हो गई है किनारे करीब दो से ढाई फीट तक मिट्टी जम गई है। बारिश के मौसम में सीसी सड़क पर फिसलन बढ़ जाती है।
घोषित हो चुका है नेशनल हाइवे
ताड़ीघाट-बारा मार्ग पर पहले स्टेट हाइवे-99 था। करीब एक वर्ष इसे नेशनल हाइवे घोषित कर दिया गया। इसका नंबर है 124सी। अब इसका देखरेख राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ही करना है। करीब एक वर्ष से ऐसी स्थिति है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। ताड़ीघाट-बारा मार्ग का कार्यदायी संस्था द्वारा दो वर्षों तक देखरेख करनी थी। 30 मई 2019 को यह अवधि समाप्त हो गई। अब यह राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो गया है। इसकी देखरेख उन्हीं को करनी है।
– प्रदीप कुमार शरद, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी।