के० एस० टी०,नई दिल्ली संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के परिवीक्षार्थियों (प्रोबेशनर्स) से कहा कि उनके प्रत्येक कार्य में ‘राष्ट्र प्रथम‚ सदैव प्रथम’ की भावना दिखनी चाहिए। उन्हें लोगों की पुलिस को लेकर नकारात्मक धारणा को बदलने के लिए भी काम करना चाहिए। मोदी ने आईपीएस परिवीक्षार्थियों से अनुरोध किया कि वे फील्ड़ में रहते हुए जो भी फैसले लें‚
उसमें देशहित होना चाहिए और राष्ट्रीय परिप्रेIय होना चाहिए। उन्होंने कहा‚ ‘आपको हमेशा याद रखना है कि आप एक भारत‚ श्रेष्ठ भारत के भी ध्वजवाहक हैं।’ प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी‚ हैदराबाद में आईपीएस परिवीक्षार्थियों को वीडि़यो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि लोगों के बीच पुलिस की नकारात्मक धारणा अपने आप में एक ‘बड़़ी चुनौती’ है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की शुरुआत के दौरान यह धारणा थोड़़ी बदली जब लोगों ने पुलिस कर्मियों को मदद करते हुए देखा लेकिन हालात अब फिर से पुरानी धारणा वाले हो गए हैं। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने लोगों के बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की विश्वसनीयता और साफ छवि का हवाला दिया और पूछा कि क्या समाज में पुलिस के प्रति भी ऐसी ही भावना है। उन्होंने कहा‚ ‘आप जवाब जानते हैं।
लोगों के मन में पुलिस की यह नकारात्मक धारणा एक बहुत बड़़ी चुनौती है। हमारे पुलिस कर्मियों ने देश की सुरक्षा‚ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने और आतंकवाद से लड़़ाई के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी। वे कई दिनों तक घर नहीं जाते‚ वे त्योहारों पर भी घर नहीं जा पाते लेकिन जब पुलिस की छवि की बात आती है तो लोगों की धारणा अलग है।’ मोदी ने कहा कि पुलिस बल में.
आ रही नई पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है कि वह इस छवि को बदले और पुलिस को लेकर नकारात्मक धारणा दूर हो जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 75 वर्षों में भारत ने एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास किया है और हाल के वर्षों में पुलिस प्रशिक्षण से जुड़़े बुनियादी ढांचे में भी काफी सुधार हुआ है। मोदी ने कहा‚ ‘आपके करियर के आने वाले 25 साल‚ भारत के विकास के भी सबसे अहम 25 साल होने वाले हैं.
इसलिए आपकी तैयारी आपकी मनोदशा इसी बड़़े लाय के अनुकूल होनी चाहिए। उन्होंने तकनीकी बाधाओं के इस दौर में पुलिस को तैयार रहने की जरूरत पर जोर जान दिया। उन्होंने कहा कि और अधिक नवोन्मेषी तरीको से अपराध के नए रूपों को रोकने की चुनौती हैं।