के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। इस साल झूम कर बरसे बदरा गंगा नदी के लिए वरदान साबित हुए हैं। जून से अब तक करीब 554.4 मिलीमीटर बारिश से पानी बढऩे के कारण गंगा की निर्मलता में इजाफा हुआ है। हाल ही में लिए गए पानी के नमूनों में घुलित आक्सीजन (डीओ) की मात्रा बेहतर होने से जलीय जीव-जंतुओं को राहत मिली है। वह जमकर अठखेलियां करते दिखाई पड़ रहे हैं।
वहीं, बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी), केमिकल आक्सीजन डिमांड (सीओडी) और पीएच भी सामान्य मात्रा में मिला है। यह जानकारी छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के बायोसाइंसेज एंड बायोटेक्नोलाजी विभाग में एमएससी बायोकेमिस्ट्री अंतिम वर्ष के छात्र आशीष कुमार, प्रखर और शशांक सिंह के द्वारा विभागाध्यक्ष डा. शाश्वत कटियार के निर्देश पर गंगा जल को लेकर किए गए शोध कार्य में सामने आई है।
जल के अन्य तत्व भी अच्छी मात्रा में मिले हैं। स्नातकोत्तर के इन लघु शोध के छात्रों ने गंगा बैराज, परमट, शुक्लागंज और जाजमऊ में गंगाजल के नमूने लेकर उनका परीक्षण किया। वल्र्ड हेल्थ आर्ग नाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से जब इनकी तुलना की गई तो नमूनों की रिपोर्ट अनुकूल रही। छात्रों की टीम ने गंगा के किनारे व बीच में, दोनों स्थानों से नमूने लेकर उसका विश्लेषण किया, जिसके बाद यह परिणाम मिले।
अच्छी बारिश व कोरोना कफ्र्यू के कारण गंगा की सेहत सुधरी है। गंगा में खुद को साफ करने की भी क्षमता होती है। कोरोना में इसका पूरा मौका मिला।
– डा० शाश्वत कटियार, विभागाध्यक्ष, बायोसाइंसेज एंड बायोटेक्नोलाजी विभाग सीएसजेएमयू
पानी में डीओ की अच्छी मात्रा मछलियों व अन्य जलीय जीवों के लिए बेहतर होती है। इसके दो लाभों में पहला जलीय जीवों की उम्र अच्छी होती है और दूसरा उनकी संख्या भी तेजी से बढ़ती है।
– प्रो० प्रदीप कुमार, विभागाध्यक्ष सिविल इंजीनियरिंग विभाग, एचबीटीयू