Skip to contentके० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। जेके मंदिर कानपुर की पहचान है। दूसरे शहरों से अपने रिश्तेदारों के यहां आने वाले एक बार इस मंदिर को जरूर देखना चाहते हैं। जल्द ही शहर में मेट्रो से सफर करने वालों को ट्रेन के अंदर जेके मंदिर की झलक दिखाई देगी। इसके अलावा शहर के ऐतिहासिक व अन्य धार्मिक स्थलों का नजारा भी देखा जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव दो दिन पहले गुजरात के सावली प्लांट में कानपुर की मेट्रो का निर्माण देखने गए थे। उनके साथ निदेशक परिचालन सुशील कुमार भी थे। गुरुवार को दोनों ही अधिकारी मेट्रो के कार्यों का निरीक्षण करने शहर आए थे। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने बताया कि यूं तो.
लखनऊ की मेट्रो ट्रेन काफी आधुनिक है, लेकिन कानपुर की मेट्रो उससे भी कई कदम आगे की है। इसका कारण तीन वर्ष का अंतर है। मेट्रो के अंदर की खूबियों के संबंध में उन्होंने बताया कि जेके मंदिर कानपुर की पहचान है, इसलिए मेट्रो ट्रेन में जेके मंदिर की खूबसूरत तस्वीरें नजर आएंगी। इसके अलावा शहर के धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों को भी शामिल किया जा रहा है।
इसमें बिठूर के अलावा गंगा के प्रमुख घाट भी शामिल रहेंगे। मेट्रो के बाहरी रंग को लेकर निर्णय लिया जा चुका है, लेकिन अभी उसके बारे में नहीं बताया जा सकता। मेट्रो ट्रेन के सामने लुक को भी शहर के किसी खास स्थान से जोड़कर बनाने की तैयारी है। मेट्रो ने कानपुर शहर की एतिहासिक विरासत से भी यात्रियों को रूबरू कराने की तैयारी की है।
इसमें मेट्रो ट्रैक के पहले स्टेशन आइआइटी से लेकर मोतीझील तक बनने वाली सभी नौ स्टेशनों की दीवारों के ऊपर कानपुर की एतिहासिक विरासत को उकरने की योजना है। इसे पेटिंग के रूप में उकेरा जाएगा, जिसमें सीएसजेएमयू के फाइन आर्ट के छात्रों की मदद भी ली जाएगी। गंगा के तट पर बसे कानपुर में कई धार्मिक और एतिहासिक स्थल हैं। मेट्रों ने कानपुर की धर्म एवं संस्कृति की झलक स्टेशनों पर दिखाने की तैयारी की है।