सीएसए कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी शुरू

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। प्राकृतिक व जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सीएसए विवि में चुनाव के बाद दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें विवि के पूर्व छात्रों का सहयोग होगा और कृषि विशेषज्ञ, वैज्ञानिक अपने व्याख्यान देंगे। साथ ही शोधार्थी अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। प्राकृतिक व जैविक खेती कर रहे किसान भी अपने अनुभव साझा करेंगे।

 

विवि के कुलपति डा० डीआर सिंह ने बताया कि मिट्टी की सेहत सुधारने और प्रदूषण की रोकथाम के लिए जैविक व प्राकृतिक खेती जरूरी है। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तुत किए गए बजट में भी जैविक व प्राकृतिक खेती के साथ ही इसमें नई तकनीकी का प्रयोग बढ़ाने के लिए कहा गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में 16 व 17 अप्रैल को जैविक व प्राकृतिक खेती पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

इसमें खेती में कीटनाशकों, रसायनों के उपयोग को कम करने और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे जाएंगे। उन्होंने बताया कि जैविक खेती से पर्यावरण सुरक्षा संग मानव स्वास्थ्य, मिट्टी की उर्वरा शक्ति, पानी की गुणवत्ता का विकास होता है। गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। राष्ट्रीय सम्मेलन विवि की एल्युमिनाइ एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित होगा। इसमें कृषि विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के साथ ही किसानों और शोधार्थी भी अपने विचार व शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। सम्मेलन के बाद एक विस्तृत कार्ययोजना बनाकर सरकार को सौंपी जाएगी।

 

 

इन बिंदुओं पर होगा विमर्श-: मानव, मिट्टी, पर्यावरण स्वास्थ्य के मुद्दे व भविष्य की संभावनाएं, पौधों व फसलों का संरक्षण एवं प्रबंधन, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक ²ष्टिकोण, फसलों का विविधीकरण, आपूर्ति श्रंखला प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधनों के स्मार्ट प्रबंधन के लिए उपकरणों पर चर्चा, जैविक व प्राकृतिक खेती के परिप्रेक्ष्य में सामुदायिक विज्ञान, मल पोषण और शमन रणनीतियां, पर्यावरण के अनुकूल कृषि मशीनीकरण, टिकाऊ कृषि के लिए इनपुट प्रबंधन, कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्यवर्धन की रणनीति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट आफ थिंग्स, रिमोट सेंसिंग का प्रयोग

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