सड़कों पर मवेशियों को खुला छोड़ने वालों की अब खैर नहीं

के० एस० टी०,भोपाल, संवाददाता। शहरों की सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर मवेशियों को खुला छोड़ना अब महंगा पड़ेगा। उच्च न्यायालय जबलपुर की अवमानना सहित याचिका में दिये गये निर्देशों को देखते हुए सरकार अध्यादेश के जरिये नगर निगम अधिनियम 1956 एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 में संशोधन करेगी। इसके तहत जो कोई भी जान बूझकर या लापरवाही से किसी मवेशी या अन्य जानवर को सड़क या अन्य सार्वजनिक स्थान पर छोड़ेगा या बांधेगा,

उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस पर अंतिम फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा। नगर विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तीन अलग-अलग मामलों में हाईकोर्ट ने शहर में घूम रहे आवारा पशुओं के संबंध में नियमित कार्रवाई, जुर्माने की राशि के संबंध में निर्देश दिए थे। वर्तमान परिस्थितियों में अधिनियम में आवारा पशुओं के संबंध में दंड के.

प्रावधान अपर्याप्त हैं और पुनरावृत्ति होने पर क्या कार्रवाई की जाएगी, इसका कोई प्रावधान नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित है। अभी विधानसभा नहीं चल रही है, इसलिए अध्यादेश के जरिए एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें यदि पशु या अन्य पशु को मुक्त किया जाता है या सार्वजनिक स्थान पर बांध दिया जाता है, जिससे यातायात बाधित होता है या संपत्ति को नुकसान होता है, तो संबंधित से जुर्माना वसूल किया जाएगा।

यह पांच हजार रुपये तक होगा। दतिया में मोटर ट्रांसपोर्ट स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में प्रदेश का एकमात्र पुलिस वाहन प्रशिक्षण विद्यालय नौबस्ता रीवा में है। इसकी स्थापना 1981 में हुई थी, लेकिन तब पुलिस वाहनों की कमी थी। प्रदेश में नये थानों, चौकियों एवं कार्यालयों में नये पद सृजित होने से पुलिस वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है. गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दतिया में स्कूल की स्थापना से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के साथ छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों को लाभ होगा।

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