के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। निजी बिल्डरों से ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के मकान लेने वालों के लिए खुशखबरी है। इनकी रजिस्ट्री कराने के लिए सर्किल रेट के हिसाब से अब स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी। कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) की तर्ज पर निजी बने ईडब्ल्यूएस के मकानों की रजिस्ट्री भी 500 रुपये में हो जाएगी। केडीए में ईडब्ल्यूएस के बने मकानों की रजिस्ट्री केवल पांच सौ रुपये के स्टांप पर हो जाती है। इसके अलावा कोई अतिरिक्त रकम नहीं देनी होती है।
इस कड़ी में निजी बिल्डर भी ईडब्ल्यूएस के मकानों का निर्माण करा रहे हैं। ईडब्ल्यूएस के मकानों के निर्माण की कीमत पांच से छह लाख रुपये होती है। एक लाख रुपये पर सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी है। ऐसे में करीब 30 से 35 हजार रुपये ईडब्ल्यूएस के मकान की रजिस्ट्री कराने के लिए देना पड़ता है। प्रदेश सरकार ने बजट में राहत दे दी है। अब केडीए की तर्ज पर निजी ईडब्ल्यूएस के मकानों की रजिस्ट्री कराने के लिए आवंटी को सिर्फ पांच सौ रुपये का खर्च आएगा।
अवस्थापना निधि से रकम मिलने पर प्राधिकरण में होगा विकास-: प्रदेश सरकार ने प्राधिकरणों के लिए 132 करोड़ रुपये अवस्थापना निधि तय की है। इसमें सभी प्राधिकरणों को हिस्सा दिया जाएगा। अवस्थापना निधि से धनराशि मिलने के हिसाब से कार्ययोजना केडीए तैयार करेगा। केडीए अफसरों ने बताया कि धन आने के बाद ही कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
सीएसए के लखीमपुर कृषि महाविद्यालय में बनेंगे हास्टल-: सरकार की ओर से बजट में सीएसए विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि महाविद्यालय लखीमपुर खीरी के लिए भी 10 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इस धनराशि से कालेज में हास्टल का निर्माण होने के साथ ही लैब व कक्षाओं की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। लखीमपुर कृषि महाविद्यालय का निर्माण कार्य चार वर्ष से चल रहा है। पहले चरण में 40 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जिससे क्लासरूम, लैब व भवन का निर्माण कराया गया। वर्ष 2020 से यहां कक्षाओं का संचालन शुरू हुआ और अतिथि प्रवक्ताओं की मदद से अध्यापन कार्य शुरू कराया गया। इसी वर्ष मार्च में दूसरे चरण के लिए पांच करोड़ रुपये और मिले। अब 10 करोड़ रुपये बजट की घोषणा की गई है। इससे हास्टल, प्रशासनिक भवन बनने की उम्मीद है। साथ ही लैब व क्लासरूम की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। सीएसए विवि के प्रो. नौशाद ने बताया कि लखीमपुर स्थित महाविद्यालय में वर्तमान में तीसरा बैच चल रहा है।