के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद कानपुर आउटर में पुलिस बल की स्थिति अच्छी नहीं है। कहने के लिए तो सिर्फ 11 थानें हैं, लेकिन क्षेत्रफल बड़ा होने से यहां पेट्रोलिंग और पिकेट ड्यूटी में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फोर्स की कमी को पूरा करने के लिए आउटर के अफसरों ने डीआइजी कार्मिक से पत्राचार किया है।
कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से पहले सभी थानों में फोर्स का समायोजन एक दूसरे से कटौती करके किया जाता था। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद शहर के 38 थाने अलग हो गए। आउटर में पड़ने वाले 11 थानों में घाटमपुर, सजेती, साढ़, महाराजपुर, नर्वल, बिधनू, सचेंडी, बिल्हौर, शिवराजपुर, चौबेपुर, ककवन हैं। सभी थानों का क्षेत्रफल काफी बड़ा है।
इन सभी थानों और यातायात के लिए आउटर पुलिस लाइन में पर्याप्त पुलिस बल नहीं है। फोर्स की कमी के चलते न तो यहां की यातायात व्यवस्था दुरुस्त है और न ही थानों से सभी निर्धारित प्वाइंटों पर पिकेट ड्यूटियां निकालने को फोर्स है। अपराधी भी इसका फायदा उठाकर लूटपाट, छेड़खानी आदि घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। आउटर में सशस्त्र पुलिस और नागरिक पुलिस की संख्या नियतन के आधे से भी कम है।
मेरठ जोन में है अतिरिक्त फोर्स-: जहां एक तरफ कानपुर आउटर फोर्स की कमी के चलते समस्याओं से जूझ रहा है। वहीं, मेरठ जोन में नियतन से अधिक फोर्स उपलब्ध है। ऐसे अतिरिक्त फोर्स वाले जोन तलाश कर वहां के नियतन से अतिरिक्त पुलिस बल को कमी से जूझ रहे जोन और जिलों को देना चाहिए। ताकि वहां की भी व्यवस्थाएं दुरुस्त हो सकें।
आउटर में यह है नियतन और उपलब्धता-: पद नियतन तैनाती, निरीक्षक 25 25, उपनिरीक्षक 533 341, हेडकांस्टेबल (पु) 642 303, कांस्टेबल 1165 573, यातायात दारोगा 28 09, यातायात सिपाही 62 12