के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। बैंक आफ बड़ौदा के किदवई नगर शाखा से एक वर्ष पहले आटो पार्टस कारोबारी के करीब 20 लाख के जेवर गायब होने के मामले में विवेचक और हनुमंत विहार के दारोगा (एसएसआइ) ने शनिवार को जांच से पल्ला झाड़ लिया। दारोगा ने एसीपी गोविंद नगर से कहा कि मुझसे यह जांच नहीं हो पाएगी।
जांच इंस्पेक्टर को दे दें या फिर एसआइटी को सौंप दें। एसीपी गोविंद नगर के काफी समझाने पर भी वह अपनी बात पर अड़े रहे। गुजैनी के तात्याटोपे नगर निवासी आटो पार्टस कारोबारी अजय गुप्ता के मुताबिक, बैंक आफ बड़ौदा किदवई नगर शाखा में उनका और पत्नी कीर्ति का काफी पुराना खाता है। चार अगस्त 2021 को उन्होंने बैंक में लाकर संख्या 450 लिया था।
चार सितंबर 2021 को उन्होंने करीब 20 लाख के जेवर लाकर में रखे थे। 12 अक्टूबर को जेवर निकालने के लिए बैंक पहुंचे तो लाकर में चाभी लगाने पर भी वह नहीं खुला। बैंक कर्मचारियों से शिकायत करने पर उन्होंने तकनीकी समस्या बता अगले दिन बुलाया। 13 अक्टूबर को वह फिर बैंक पहुंचे, जहां उनके सामने बैंक कर्मचारियों ने कस्टोडियन एजेंसी के कर्मचारियों को.
बुलवाकर लाकर तुड़वाया। लाकर खुला तो उसमें से जेवर गायब थे, उसमें उनका खाली बैग था। बैंक प्रबंधक और कर्मचारियों के कोई कार्रवाई न करने और सीसीटीवी कैमरे की फिटेज न दिखाने पर उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वर्तमान में इसकी जांच हनुमंत विहार थाने के एसएसआइ संजय शुक्ला कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कुछ दिन मामले की जांच करने के बाद हाथ खड़े कर दिए। हालांकि, दारोगा ने यह नहीं बताया कि वह जांच क्यों नहीं करना चाहते।
एसीपी ने समझाए जांच के कई बिंदु-: जांच करने से मना करने पर एसीपी विकास पांडेय ने उन्हें बताया कि बैंक के अंदर और बाहर घटना के आसपास के समय के सीसीटीवी फुटेज की जांच करें। लाकर तोड़ने वाली कस्टोडियन एजेंसी पर पूर्व में आरोप लग चुके हैं। एंजेंसी वाले और लाकर तोड़ने वाले कर्मचारियों समेत संदिग्ध लोगों के नंबरों की सीडीआर निकलवाएं। इसी तरह उन्होंने कई बिंदु बताते हुए जांच करने की बात कही, लेकिन वह दारोगा नहीं माने तो एसीपी ने कहा कि वह एक थाने की जांच दूसरे थाने में ट्रांसफर नहीं करा सकते हैं। इसके लिए उच्चाधिकारी से संपर्क करें।