फर्जी आधार कार्ड़ बनाने वाले नेटवर्क का भंड़ाफोड, एक गिरफ्तार

एसटीएफ विंग ने बर्रा के विश्व बैंक इलाके से एक को किया गिरफ्तार कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी किए बरामद

 गिरोह का नेटवर्क यूपी के नोयड़ा उन्नाव सहित आसपास के जिलों व बिहार‚ झारखंड़ के साथ अन्य प्रांतों तक होने की बात कबूली


के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। एसटीएफ विंग ने बर्रा थाना क्षेत्र से सॉफ्टवेयर ड़ाउन लोडिंग लिंक की मदद से फर्जी आधार कार्ड़ बनाने वाले को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने अभियुक्त के कब्जे से 8 एटीएम कार्ड़‚12 फर्जी दस्तावेज‚ पैन व निर्वाचन कार्ड़‚ मोबाइल‚ पेनड्राइव‚ जीपीएस डि़वाइस समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बरामद किया है। एसटीएफ ने देर रात एक आरोपी को बर्रा पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। गिरोह का नेटवर्क नोयड़ा‚ बिहार‚ झारखंड़ सहित कई प्रान्तों तक फैला है।

एसटीएफ को कई दिनों से फर्जी आधार कार्ड़ बनाकर ठगी करने के मामले की जानकारी मिल रही थी। फर्जी वेबसाइड़ और सॉफ्टवेयर के माध्यम से अनाधिकृत तरीके से आधार कार्ड़ बनाने वाले सॉफ्टवेयर को बाइपास कर फर्जी आधार कार्ड़ बनाने वाले एक गिरोह का बर्रा क्षेत्र के विश्व बैंक कॉलोनी से खुलासा किया है। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से मास्टरमाइंड़ अनिल कुमार गौतम पुत्र महादेव गौतम निवासी गौरीयपुर कोतवाली अकबरपुर कानपुर देहात को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने अभियुक्त के कब्जे से रजिस्टर‚ मोहर‚ लैपटाप‚ फिंगर प्रिंटर मशीन‚ स्कैनर और कैश सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बरामद किया है। पूछताछ के दौरान अयिुक्त ने एसटीएफ को बताया कि 2021 में उसने जीड़ीजी इंडि़या साफ्टवेयर कंपनी खोली थी। जिसकी आड़़ में लोगों के फर्जी तरीके से आधार कार्ड़ बनाता है। जबकि इस काम के लिए वह आधार कार्ड़ की आधिकारिक आईड़ी का इस्तेमाल करता है। उसने बताया कि उसे यह वेबसाइड़ और.

सॉफ्टवेयर अमन उर्फ संदीप उर्फ हिमांशु निवासी लखनऊ एंव गुलाम बोस उर्फ पीयूष निवासी झारखंड़ ने उपलब्ध करायी थी। इस सॉफ्टवेयर की मदद से वह आधार कार्ड़ बनाने व संशोधन करने में आसानी रहती थी। उसने खुलासा किया है कि यह सॉफ्टवेयर वह बिहार निवासी हिंमाशु राज‚ गुफरान जावेद‚ गुलाब पासवान‚ सोनू कुमार साह‚ आनंद मोहन और नोयड़ा के राहुल व नरेन्द्र को बीस से तीस हजार रुपये में बेच चुका है। उसने बताया कि यह सॉफ्टवेयर एनीडे़स्क व.

टीमव्यूमर के माध्यम से उनके कंप्यूटर व लैपटाप को रिमोट एक्सेस पर लेकर चाइल्ड़ एनरोलमेंट व आधार कनेक्शन साफ्टवेयर उनके कम्प्यूटर/लैपटाप में लिंक के माध्यम से इंस्टाल किया है। जिसके माध्यम से वह लोगों के नकली आधार कार्ड़ बनाते हैं। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि फर्जी तरीके से बनाये गए आधार कार्ड़ की मदद से यूआईड़ीएआई से जानकारी प्राप्त कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने शुक्रवार देर रात अभियुक्त के खिलाफ बर्रा थाने में धोखाधड़़ी सहित कई संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।

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