भोर वंदन कर छठ मइया से मांगी समृद्धि

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजन में अरुणोदय अर्घ्य देने के लिए के लिए सोमवार भोर से घाटों पर आस्था का संगम देखने को मिला। सैकड़ों की संख्या में व्रतियों ने दीप प्रज्वलित कर छठ मइया का वंदन पूजन किया। अरुणोदय की पहली किरण के साथ ही जल में खड़ी व्रतियों ने भगवान सूर्य को जल अर्पित महा व्रत का पारण किया।

ढोल नगाड़े और आतिशबाजी के मनोहारी दृश्य के बीच लोक आस्था का महापर्व व्रतियों ने धूमधाम से मनाया। भोर पहर से ही सिर पर डाला लेकर छठ मैया का गुणगान करते हुए भक्त सूरज देवता को अर्घ्य देने के लिए पनकी अरमापुर सीटीआई गुजैनी दबौली शास्त्री नगर गंगा बैराज सहित शहर के विभिन्न पूजन स्थलों पर पहुंचे। वेदी पूजन कर व्रतियों ने छठ मैया की.

आराधना करते हुए दीपदान किया। पनकी नहर में ढोल नगाड़े और आतिशबाजी के साथ वेदियों पर प्रज्वलित दीप का मनोहारी दृश्य लोक आस्था के महापर्व के महत्व से परिचित करा रहा था। भोर अर्घ्य से पहले व्रतियों ने वेदी के समक्ष कोसी पूजन कर अपनी अपनी मनोकामना मांगी। पनकी की अंजली मिश्र, रमा पाठक, वंदना पाठक और अनामिका पांडेय ने घरों में.

कोसी भरकर घाट पर वेदी पूजन किया। उगा हो सूरज देव अरग के बेर…, उगाही हे दीनानाथ…, कोसी भराई अंगना…और कांच ही बांस के बहिएया… गीतों से पूजन घाट गूंज उठे। इसी प्रकार अरमापुर नहर स्थित वेदियों पर विधिवत पूजन अर्चन का दौर चलता रहा। सैकड़ों की संख्या में व्रतियों के भजन ढोल नगाड़े के बीच आतिशबाजी करते हुए पूजन स्थल पर पहुंचे।

जल में खड़े होकर व्रतियों ने अरुणोदय सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी की। पनकी लावण्या मिश्रा ने मुंबई से लेकर छठ पूजन का महत्व जाना। उन्होंने कहा कि लोक आस्था का महापर्व परिवारों की एकता और देश की अखंडता का प्रतीक है। इसका साक्षी बनकर बेहद खुशी हो रही है। प्रतिवर्ष महापर्व में शामिल होकर छठ पूजन करूंगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

छठ मइया के जयकारे और ढोल नगाड़ों से गूंजे घाट-: पूर्वांचल भोजपुरी छठ पूजा समिति की ओर से पनकी नहर में आयोजित छठ पूजन आयोजन में घाटों पर छठ मइया के जयकारे और ढोल नगाड़ों की गूंज रही। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए जल में खड़े होकर व्रतियों ने छठ मइया का गुणगान किया। पनकी नहर पूजा स्थल पर संध्या अर्घ्य से शुरू हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर भोर पहर तक चलता रहा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

सूर्य की प्रथम किरण के साथ सिंदूर भराई की रस्म-: घाटों पर भगवान सूर्य की प्रथम किरण का इंतजार कर रही व्रतियों ने अर्घ्य देने से पहले सिंदूर भराई की रस्म अदा की। व्रतियों ने एक दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्य प्रार्थना की। सुबह 6.17 व्रतियों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की शुरुआत की। भगवान सूर्य और छठ मइया के जयकारों की गूंज के बीच व्रतियों ने अर्घ्य महाव्रत का पारण किया। व्रतियों ने संतान की दीर्घायु परिवार कल्याण सुख समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करते हुए 36 घंटे के निर्जला व्रत को पूरा किया। घाटों पर भक्तों में व्रतियों ने ठेकुआ का प्रसाद वितरित कर महापर्व धूमधाम से मनाया। सूर्य की प्रथम किरण के साथ ही ढोल नगाड़े और आतिशबाजी घाटों पर शुरू हो गई।

घाटों पर चलता रहा सेल्फी का दौर-: महापर्व के लिए फंकी अरमापुर और गंगा बैराज के घाटों पर एकत्र हुए भक्तों में आरती पूजन के साथ सेल्फी का दौर भी खूब देखने को मिला। वेदी पूजन और भगवान सूर्य को अर्घ्य के दौरान व्रतियों ने अपने स्वजनों के साथ खूब सेल्फी ली और लोक आस्था के महापर्व की यादों को कैमरों में सजाया सजोया।

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