डेंगू से जंग में स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग हुआ फेल 15 द‍िन में बढ़े 5700 मरीज

के० एस० टी०,लखनऊ संवाददाता। प्रदेश में बीते 15 दिनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में दोगुणा बढ़ोतरी हुई है। पहले 5,700 रोगी थे और अब यह बढ़कर 11,400 हो गई है, मगर डेंगू से मुकाबले की तैयारी मिट्टी का तेल न मिलने से फेल हो रही है। यह हालात तब हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग ने 22 अप्रैल, 2022 को ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को 55 हजार लीटर मिट्टी का तेल जिलों में उपलब्ध कराने को पत्र लिखा था। मिट्टी का तेल न होने से डेंगू के मरीज मिलने पर उसके व आसपास के 50 घरों में पैराथम कीटनाशक का छिड़काव नहीं हो पा रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

ज‍िलों में नहीं हुआ दवा का छ‍िड़काव-: एडीज एजिप्टी मच्छर जिससे डेंगू फैलता है, उसे मारने के लिए पैराथम कीटनाशक स्वास्थ्य विभाग ने खरीद लिया था। मच्छर मारने के लिए 19 लीटर मिट्टी के तेल में एक लीटर पैराथम मिलाया जाता है और डेंगू मरीज मिलने पर इसका इनडोर यानी घरों में छिड़काव होता है। डेंगू के प्रसार के बीच आपूर्ति विभाग द्वारा तेल उपलब्ध न हो पाने की लगातार शिकायतें स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग को मिल रही हैं। करीब 60 जिलों से एक के बाद एक पत्र आ चुके हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

दवा के छ‍िड़काव में मिट्टी का तेल बना स्‍वास्‍थ्‍य वि‍भाग का रोड़ा-: पैराथम कीटनाशक का छिड़काव डेंगू आउटब्रेक होने पर किया जाना जरूरी है, लेकिन तेल बिना यह नहीं हो पा रहा है। मलेरिया विभाग के संयुक्त निदेशक डा. विकास सिंघल कहते हैं कि मिट्टी तेल की व्यवस्था तेजी से की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर आउटडोर यानी बाहर सड़कों पर फागिंग के लिए जरूरी कीटनाशक मैलाथियान की खरीद अब तक नहीं हो पाई है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अब मैलाथियान कीटनाशक खरीदने के न‍िर्देश-: अब उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड के एमडी बी.मुथुकुमार स्वामी की ओर से महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. लिली सिंह को पत्र लिखकर मैलाथियान कीटनाशक खरीदने को अपने स्तर से मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) को निर्देशित करने की सिफारिश की गई है, क्योंकि कारपोरेशन द्वारा इसके लिए 12 अक्टूबर, 2021 और दो मार्च, 2022 को किए गए टेंडर में मैलाथियान की आपूर्ति के लिए शर्तों के अनुसार चयन नहीं हो.

पाया। अब फिर से कारपोरेशन की ओर से निविदा जारी की गई है। ऐसे में अब सभी जिलों के सीएमओ को अपने स्तर से जरूरत के अनुसार जेम पोर्टल के माध्यम से यह कीटनाशक खरीदने के निर्देश दिए जा रहे हैं।फागिंग के लिए डीजल की व्यवस्था तो जिलों में पर्याप्त मात्रा में है। सभी डीएम व सीएमओ को जिम्मे दारी दी गई है कि वह लोगों के घर के अंदर कीटनाशक का छिड़काव और बाहर फागिंग कराएं। मिट्टी के तेल की कमी के मामले पर जिम्मेदारों से जवाब-तलब किया जाएगा। लोगों को कठिनाई न हो इसके लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।

ब्रजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री

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