कानपुर हैलट में होगी पूरे शरीर की नसों की एंजियोग्राफी, रोगियों को दूसरे अस्पतालों में रेफर नहीं करना पड़ेगा अब
24 Dec
कानपुर नगर, संवाददाता। कानपुर के हैलट में रोगियों के पूरे शरीर के नसों की एंजियोग्राफी हो सकेगी। डिजिटल सब्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) मशीन जल्द आ जाएगी। इसके आने से पैरों की नसों के लीकेज से लेकर सिर की नसों के फूलने पर उनका इलाज हो सकेगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि मस्तिष्क की नसों के कमजोर होने पर उनमें छोटे-छोटे गुब्बारे निकल आते हैं। इनके फटने से रोगी की मौत हो जाती है। इन गुब्बारों की डीएसए मशीन से कॉइलिंग हो सकेगी। अभी रोगियों को रेफर करना पड़ता है। डीएसए मशीन के लिए प्रस्ताव दो सप्ताह पहले भेजा गया था। रविवार को निरीक्षण पर आए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने भी हामी भर ली।
रोगियों को रेफर करने की नौबत नहीं आएगी:- उन्होंने बताया कि इसकी सबसे अहम भूमिका मस्तिष्क के इलाज में है। इसके अलावा शरीर के किसी भी हिस्से की नस में अगर लीकेज है तो उसे बंद किया जा सकता है। इसके अलावा नसों की और भी समस्याओं का इलाज हो जाता है। शरीर की नसों से संबंधित 90 फीसदी रोगियों को रेफर करने की नौबत नहीं आएगी। इसके साथ ही गुर्दा प्रत्यारोपण में भी इसका उपयोग रहेगा।
हर साल रोगियों की संख्या में हो जाता है इजाफा:- प्रत्यारोपण के बाद अगर किसी रोगी की नस में लीकेज होता है, तो उसे इस मशीन से ठीक किया जा सकता है। मेडिकल कॉलेज के न्यूरो साइंसेस प्रमुख डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि एन्यूरिज्म की दिक्कत में इस डीएसए मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। नसों के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। हर साल रोगियों की संख्या में 15 से 20 फीसदी इजाफा हो जाता है।
उंगलियों की हो सकेगी माइक्रो सर्जरी:- मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि एडवांस माइक्रोस्कोप का भी प्रस्ताव भेजा गया है। इससे कटी उंगलियों की सटीक माइक्रो सर्जरी हो सकेगी। सर्जरी विभाग के पास दो प्लास्टिक सर्जन उपलब्ध हैं। माइक्रोस्कोप आने के बाद बारीक सर्जरी होगी। इसके साथ शासन से पोर्टेबल सीटी स्कैन मशीन, चार सी आर्म, एक ओ आर्म, लेजर, लैसिक लेजर आदि उपकरण मांगे गए हैं। इनके प्रस्ताव शासन को भेज दिए गए।