के. एस. टी, कानपुर संवाददाता।खेती–बारी पर मंड़रा रहे टिड्ड़ी दलों के हमले का खतरा ज्यादा बारिश होने से और बढ़ेगा। बारिश टिड्डि़यों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होगी और इससे उनकी संख्या और बढ़ सकती है।
सोनभद्र जिले के धौरावल क्षेत्र के बिसरेखी गांव में टिड्ड़ीयां देखी गईं हैं। यदि तेज पश्चिमी हवाएं चलती हैं‚ तो टिड्डि़यों के उक्त दल के कानपुर की तरफ आने का खतरा भी बढ़ सकता है।
सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के किट विज्ञान विभागाध्यक्ष ड़ॉ. धर्मराज सिंह ने बताया कि ज्यादा बारिश होने से टिड्डि़यों के विस्तार के लिए मौसम और अनुकूल हो जाता है। वातावरण में नमी और ठंड़े मौसम से टिड्डि़यों की प्रजनन क्षमता बढ़ती है और उनकी संख्या में तेजी से वृद्धि होती है।
बहरहाल टिड्ड़ी दलों के हमले से बचाव के लिए प्रदेश शासन ने जिलों को रक्षात्मक उपाय करने के लिए अलर्ट जारी किया है। किसानों को भी सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों से कहा गया है कि क्षेत्र में टिड्डि़यां नजर आने पर तत्काल जिलों के कृषि अधिकारियों को सूचित करें।
साथ ही टीन–ढोलक आदि से शोर कर उन्हें भगाने की जुगत भिड़ायें। जिला कृषि अधिकारियों को भी विभिन्न माध्यमों से क्षेत्र विशेष में जरूरी कीट नाशक दवाओं का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश व राजस्थान के व्यापक क्षेत्रों में नुकसान पहुंचाने के बाद प्रदेश के झांसी क्षेत्र में इसका प्रकोप देखा गया है। क्षेत्रीय किसान इसको लेकर परेशान हैं। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार टिड्डि़यों का एक छोटा दल सोनभद्र जिले के धौरावल इलाके के बिसरेखी गांव में देखी गई है।
यदि रक्षात्मक उपाय कर इसे रोक लिया तो ठीक है‚ अन्यथा अन्य क्षेत्रों में भी इसका फैलाव हो सकता है। यदि पश्चिमी हवाएं चलती हैं तो टिड्डि़यों का दल कानपुर की ओर भी रुख कर सकता है।