प्लांटों से ऑक्सीजन वितरण बंद‚ कई मरीजों की मौत!

के० एस० टी०,कानपुर नगर।महानगर में ऑक्सीजन का संकट निरंतर गहराता जा रहा है। सबसे ज्यादा समस्या उन लोगों को हो रही है जो अस्पतालों में बेड़ न मिलने पर घरों में इलाज करा रहे हैं। गुरुवार को यह संकट और बढ़ गया जब पनकी स्थित सभी प्लांटों ने आम जनता को ऑक्सीजन देना बंद कर दिया।

साफ–साफ कह दिया गया कि अधिकारियों के आदेश हैं कि ऑक्सीजन सिर्फ अस्पतालों में सप्लाई होगी‚ जनता को सीधे नहीं दी जायेगी। प्रशासन के इस तुगलकी फरमान से घरों में इलाज करा रहे कई लोगों की जान चली गयी। मौत के सरकारी आंकड़़ों और घाटों पर जलने वाले शवों की संख्या में.

जमीन–आसमान का अंतर इसका प्रमाण है। महानगर में कोरोना का कोहराम बढ़ने के साथ–साथ ऑक्सीजन का संकट भी बढ़ता जा रहा है। आक्सीजन की आपूर्ति जैसे जैसे बढ़ रही है‚ वैसे वैसे अस्पतालों में तो आपूर्ति बढ़ रही है‚ मगर आम जनता की परेशानी भी निरंतर बढ़ती जा रही है।

न तो अस्पतालों में बेड़ मिल रहे हैं‚ न भर्ती। हजारों की संख्या में लोग घरों में ही अपना उपचार करा रहे हैं। ऐसे में उनके सामने सबसे बड़़ा संकट ऑक्सीजन का है। दवाओं का इंतजाम तो किसी तरह कर ले रहे हैं‚ मगर आक्सीजन नहीं मिल रही है। घंटों लाइन लगाने के बाद भी सिलेंड़र नहीं भरते हैं।

यदि भर भी जाते हैं तो वह चौथाई या आधे ही भरे जाते हैं जो ज्यादा वक्त नहीं चलते। इसी कारण बड़़ी संख्या में लोग घरों में भी दम तोड़़ रहे हैं। मौतों के सरकारी आंकड़़ों और घाटों पर जलने वाले शवों की संख्या में बड़़ा अंतर इसका प्रमाण है। घरों पर इलाज करा रहे लोगों का आक्सीजन संकट गुरुवार को और.

बढ़ गया‚ जब पनकी स्थित मुरारी गैस‚ पनकी गैस और अन्य प्लांटों से ऑक्सीजन सिलेंड़र भरवाने पहुंचे लोगों को उल्टे पैर लौटा दिया। उन्होंने कहा कि आला अफसरों के आदेश आ गये हैं कि अब प्लांटों से आक्सीजन सिर्फ अस्पतालों में ही सप्लाई होगी। आम जनता को प्लांटों से आक्सीजन नहीं दी जायेगी।

यह सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गयी। दरअसल कई लोग ऐसे थे जिनके प्रियजन घरों में गंभीर हालत में हैं। ऐसे लोगों ने प्लांट कर्मियों से काफी मनुहार की‚ मगर कोई कुछ सुनने को राजी नहीं था। आम नागरिकों को दिन भर प्लांटों से गैस आपूर्ति नहीं की गयी।

इस कारण कई मरीजों के मरने की भी जानकारी मिली है। प्रशासन ने गुरुवार को कोरोना से मौतों का आंकड़़ा सिर्फ 12 बताया है‚ मगर नगर के घाटों पर सैकड़़ों की संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।

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