कैसे सही हो कानून व्यवस्था जब पुलिस ही है बीमार

के० एस० टी०,कानपुर संवाददाता। कानून व्यवस्था जिसके कंधों पर हो और वही पुलिस 16-17 घंटे डयूटी के दबाव और अनियमित खान–पान के चलते बीमार हो जाये तो फिर सारी व्यवस्था ही लड़़खड़़ा जाती है। महानगर पुलिस के १२ सौ कर्मी वर्तमान में शुगर‚ ब्लड़ प्रेशर और एंग्जायटी की चपेट में हैं। यह चौकाने वाली जानकारी पुलिस कर्मियों के हुए मेडि़कल परीक्षण में सामने आयी है।

पुलिस अधिकारी इन आंकड़़ों को देखकर अब पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य सुधार के लिए प्रोग्राम तैयार करा रहे हैं‚ जिससे पुलिस कर्मियों को इस समस्या से निजात दिलायी जा सके। अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच पुलिस के लिए अलग–अलग मेड़कल कैम्पों में 3342 पुलिस कर्मियों का मेडि़कल टेस्ट कराया गया था‚ जिसके बाद 1268 पुलिस कर्मी ऐसे निकले‚ जिनके अंदर ब्लड़ प्रेशर और एंग्जायटी के शुरुआती लक्षण मिले हैं।

वहीं‚ 1132 पुलिस कर्मी पूरी तरह से स्वस्थय मिले हैं। इसके अलावा 942 पुलिस कर्मी ऐसे हैं‚ जिन्हें ब्लड़ शुगर‚ ब्लड़ प्रेशर और एंग्जायटी की बीमारी हो चुकी है। मेडि़कल कैम्प में उन्हें दवाओं के अलावा कुछ व्यायाम भी बताये गये हैं। पुलिस कर्मियों के इस प्रकार बीमार होने का जब कारण तलाशा गया तो पता चला कि उनकी डयूटी का समय और खाने का कोई निश्चित समय न होना उन्हें बीमार बना रहा है।

एक पुलिस कर्मी के खाते में औसतन 16-17 घंटे की डयूटी आती है‚ जिसके कारण उनके खाने–पीने का समय भी निर्धारित नहीं हो पाता है। पुलिस के पास साप्ताहिक अवकाश नहीं होता है। त्योहार पर भी उनकी छुट्टियां डयूटी लगने को लेकर निरस्त कर दी जाती हैं। यही वजह है कि उनके अंदर चिड़़चिड़़ापन आ जाता है।

एसपी पश्चिम ड़ॉ. अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस कर्मियों के रूटीन के कारण बहुत सी समस्याएं होती हैं। उन्हें इन बीमारियों से कैसे निजात दिलायी जाये। इसके लिए योजना बनायी जा रही है। बहुत जल्द काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। जिससे उम्मीद है कि पुलिस कर्मियों को भी कुछ राहत मिल सकेगी।

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