के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट की घटना ने न्यायालयों की सुरक्षा पर एक बार फिर सरकार की चिंता बढ़ा दी है। जिलों में पुलिस और प्रशासन इसे लेकर नए सिरे से मंथन कर रहा है। कानपुर कचहरी भी सुरक्षा की अनदेखी के चलते कई बार बड़े विवादों में घिर चुकी है। सुरक्षा में खामी का फायदा चर्चित मुकदमों के आरोपित भी अक्सर उठाते रहे हैं.
और वकील की वेशभूषा में सरेंडर कर पुलिस की आंख में धूल झोंकते रहे हैं। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हत्या की वारदात सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। जिला न्यायालय की बात करें तो यहां भी सुरक्षा में छेद रहा है। इसका फायदा उठाकर पिंटू सेंगर हत्याकांड और बिकरू मामले से जुड़े गैंगस्टर के भाइयों ने कोर्ट में वकील की वेशभूषा में.
सरेंडर किया था। असलहा लेकर कोर्ट परिसर में प्रवेश मना है बावजूद इसके वादकारी, वकील और पुलिस मुकदमों की सुनवाई के दौरान असलहा लेकर प्रवेश करते हैं। लेकिन कोर्ट परिसर के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी इन्हें रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। वादकारी और पैरोकार भी फायदा उठाते हैं और जांच प्रक्रिया से बच जाते हैं।
मार्च 2020 में बनाए गए थे परिचय पत्र
सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट की चिंता के बाद अधिवक्ताओं और उनके मुंशी का परिचय पत्र बनाया गया था।बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक करीब छह हजार लोगों के परिचय पत्र जारी किए गए थे।तय हुआ था कि प्रवेश द्वार पर परिचय पत्र दिखाने वाले को नहीं रोका जाएगा जबकि अन्य सभी की जांच होगी।
क्या बोले पदाधिकारी
मुकदमों की सुनवाई के समय सुबह अधिक भीड़ होती है। ऐसे में एक-एक व्यक्ति को चेक करना मुमकिन नहीं है हालांकि सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है। कड़ी व्यवस्था करनी होगी इसके लिए पुलिस अधिकारियों से वार्ता कर व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
– बलजीत सिंह यादव, अध्यक्ष बार एसोसिएशन
सुरक्षा व्यवस्था का अधिवक्ताओं ने हमेशा समर्थन किया है बावजूद इसके यह लंबे समय तक नहीं चल पाती है। पुलिस को यदि किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो वह जनपद न्यायाधीश और बार एसोसिएशन को बता सकते हैं। पूरा सहयोग किया जाएगा।
– राकेश कुमार तिवारी, महामंत्री बार एसोसिएशन