कानपुर में फैले जीका वायरस ने प्रयागराज में उड़ाई नींद

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। केरल और उत्‍तर प्रदेश के कानपुर में मिले केसों के बाद प्रयागराज में भी जीका वायरस की आशंका ने स्‍वास्‍थ्‍य महकमे की नींद उड़ा दी है। डेंगू पीडि़त मरीजों, खासकर गर्भधात्री महिलाओं के प्रति सतर्कता बरती जा रही है। माना जाता है कि जीका वायरस गर्भ में.

 

पल रहे भ्रूण तक आसानी से पहुंचता है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से सर्वेक्षण शुरू करा दिया गया है। गनीमत इतनी ही है कि अभी तक प्रयागराज में जीका का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। एहतियातन डेंगू वार्ड में जीका के मरीजों के लिए बेड आरक्षित करने की तैयारी है।

जीका वायरस गर्भ में पल रहे भ्रूण पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है-: जीका वायरस मामले में दो तरह की बातें सामने आने से लोग असमंजस में हैं। पहला यह कि जीका, डेंगू से ज्यादा खतरनाक है और दूसरा यह कि इससे किसी की जान नहीं जाती बल्कि गर्भ में पल रहे भ्रूण पर विपरीत असर पड़ता है।

 

 

एडीज मच्‍छरों से फैलता है जीका वायरस, जिला मलेरिया अधिकारी-: जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) आनंद कुमार सिंह कहते कि डेंगू और चिकुनगुनिया की तरह जीका वायरस भी एडीज मच्छरों से फैलता है। इसलिए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि गर्भधात्री महिलाओं को यदि बुखार है तो वे अस्पताल ले जाकर उनकी जांच कराएं। उनका फीवर सर्वे होगा। कोई भी लक्षण पाए जाने पर ब्लड का नमूना प्रयोगशाला भेजा जाएगा।

प्रयागराज में पूरी सतर्कता बरती जा रही, सीएमओ-: मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नानक सरन के अनुसार पूरी सतर्कता बरती जा रही है। अब तक कोई केस सामने नहीं आया है लेकिन हम अलर्ट हैैं। अस्पतालों में जो वार्ड डेंगू के लिए बनाए गए हैं उनमें ही कुछ बेड जीका संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। जल्द ही जीका की जांच भी शुरू करा दी जाएगी।

डा. मोनिका सिंह बोलीं- जांच के लिए लैब में है सुविधा-: मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज, प्रयागराज में माइक्रो बायोलाजी लैब की विभागाध्‍यक्ष डा. मोनिका सिंह कहती हैं कि जीका वायरस की जांच के लिए लैब में सुविधा उपलब्ध है। सीएमओ किसी मातहत को नोडल बनाएंगे। उनकी ओर से सूचित किए जाने के बाद जांच शुरू कर दी जाएगी।

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